Sidhi news:रिटायर कर्मचारियों की जीवन भर की बचत मानी जाने वाली GPF राशि के नाम पर घूस मांगने वाले अधीक्षक को लोकायुक्त रीवा की टीम ने ट्रैप कर गिरफ्तार किया है। खास बात यह है कि जिस रिटायर कर्मचारी से रिश्वत मांगी जा रही थी, वह इसी छात्रावास में शिक्षक के रूप में पदस्थ था और मात्र चार महीने पहले ही रिटायर हुआ है।
घटना अनुसूचित जाति जूनियर बालक छात्रावास क्रमांक 2, सिहावल की है, जहां अधीक्षक अशोक पांडे द्वारा रिटायर शिक्षक वशिष्ठ मुनि द्विवेदी निवासी टिकरी, थाना मड़वास से उनकी GPF फाइल क्लियर करने के नाम पर ₹10,000 की अवैध मांग की गई थी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली GPF राशि किसी भी कर्मचारी के लिए बुढ़ापे की सुरक्षा और वर्षों की नौकरी की मेहनत का फल होती है, ऐसे में उसी रकम के लिए रिश्वत मांगना नैतिक और कानूनी दोनों रूप से गंभीर अपराध माना जाता है।
Sidhi news:शिकायत मिलते ही लोकायुक्त टीम ने पहले शिकायत की गोपनीय सत्यापन जांच की। मामला सही पाए जाने पर गुरुवार 6 नवंबर 2025 को दोपहर लगभग 1 बजे लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम द्वारा ट्रैप कार्रवाई की गई।
सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता निर्धारित रकम लेकर छात्रावास पहुंचे तो उस समय अधीक्षक परिसर में कुछ पत्रकारों को अपना बयान दे रहे थे। पत्रकारों की मौजूदगी देख अधीक्षक ने रुपये लेने से बचने की कोशिश की, लेकिन लोकायुक्त टीम पहले से घेराबंदी कर चुकी थी। थोड़े समय में ही टीम ने मौके पर दबिश दी और अधीक्षक को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
Sidhi news:लोकायुक्त निरीक्षक उपेंद्र द्विवेदी ने बताया, “शिकायत की पुष्टि करने के बाद ही कार्रवाई की गई। अधीक्षक अशोक पांडे को ₹10,000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।” आरोपी ने अपनी फोटो और वीडियो सार्वजनिक न करने का निवेदन किया, जिसके चलते टीम ने मीडिया में विजुअल जारी नहीं किए हैं। फिलहाल अधीक्षक को हिरासत में लेकर रेस्ट हाउस में पूछताछ की जा रही है।
