Sidhi news:शिक्षक ने मुख्यमंत्री, आयुक्त, संयुक्त संचालक से की शिकायत
Sidhi news:जिले का शिक्षा विभाग इन दिनो अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। शिक्षा विभाग में इतनी तानाशाही मची हुई है जिसको लेकर विभागीय कर्मचारी ही मुखर होकर सामने आने लगे है। कुछ इसी तरह का मामला अब मानवाधिकार आयोग, सहित मुख्यमंत्री, आयुक्त, संयुक्त संचालक एवं कलेक्टर से पूरे मामले की शिकायत की गई है।
Sidhi news:शिकायतकर्ता सुखचंद साकेत माध्यमिक शिक्षक शासकीय हाई स्कूल मौहार ने लिखित शिकायत करते हुए बताया है कि अतिशेष शिक्षक सरप्लस प्रबंधन प्रणाली में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के एमआईएस के प्रभारी-लिपिक कथित नाम मंटू सिंह एवं अतिशेष शिक्षक समिति द्वारा रिक्त पद कार्यरत की जानकारी में व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा कर फर्जी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करने तथा बिना हस्ताक्षर किए अतिशेष शिक्षक रिक्त पद सूची काउंसलिंग में चस्पा करने, एमएस मेडरी में 4 कर्मचारियों में से 3 कर्मचारी अतिशेष थे, जिसे जिला शिक्षा अधिकारी ने नेताओं के दबाव में आकर अभयदान देने तथा पोर्टल को अपडेट करने की जिम्मेदारी डीईओ सीधी, एमआईएस प्रभारी मंटू सिंह लिपिक जिला शिक्षा अधिकारी, अतिशेष शिक्षक काउंसलिंग में कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की है सभी के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकालकर जिस-जिस दिवस;काउंसलिंग हुई हैए की निकालकर जांच करने एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा निजी ईमेल आईडी को प्राचार्य जीएचएसएस सोनवर्षा का हवाला देकर जिला शिक्षा अधिकारी ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किए, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय मेडरी विकासखंड सिहावल में 20 शिक्षक कक्षा 1 से 8 तक में होने पर भी चार शिक्षक यानी कर्मचारी पदस्थ हैं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन्हें अभयदान दिया गया है। उन्हें सरप्लस की सूची में नहीं डालने तथा जानबूझकर सर प्लस पोर्टल संबंधित विद्यालय का नाम हटाया गया। वर्तमान समय में अभी भी डीईओ द्वारा फर्जीवाड़ा जारी है सुनने वाला कोई नहीं है।
लिपिक पर लगाया अभद्रता का आरोप / गोपाल
Sidhi news:साकेत माध्यमिक शिक्षक शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिहावल ने बताया कि कथित नाम से विख्यात मंटू सिंह हमको मारने दौड़े, विधायक विधानसभा सिहावल के कहने पर डीईओ द्वारा गोपाल साकेत को स्कूल काउंसलिंग में लॉक करने हेतु आदेशित किया, इसकी कॉल डिटेल निकलवाई जा सकती है। मंटू सिंह द्वारा अभद्रता करने के कारण आवेदन जांच को दिया गया था किंतु जांच के बजाय ईमेल आईडी का हवाला देकर सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। जिससे आहत होकर ऊपर स्तर पर शिकायत की गई है।