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Sidhi news: घटिया अमृत सरोवर का नही निकल रहा कोई औचित्य

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news: जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की पोल परत दर परत खुल रही है लेकिन निलंबन की कार्रवाई के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)

Sidhi news: हालात यह है कि जिले को कृषि के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के नाम पर करोड़ों-अरबों रूपये पानी की तरह बहाये जा रहे है लेकिन स्थिती जस की तस बनी हुई है। हैरानी की बात • यह है कि सिहावल विकासखंड अन्तर्गत गोपदनदी के समीप बन रहे अमृत सरोवर के तहत तालाब के निर्माण में 87.66 लाख रूपये खर्च किया गया है लेकिन उस तालाब की आवश्यकता अगर देखी जाय तो मवेशियों के पानी पीने तक के ऊपयोग में नही है। कारण कि जहां इस तालाब का निर्माण कराया जा रहा है ठीक उससे 300 मीटर की • दूरी पर जिले की जीवन दायनी नदी गोपद का प्रवाह अनवरत जारी है। इतना ही नही आरईएस विभाग ने सरकारी खजाने में सेंध लगाने जहां औचित्यहीन तालाब के निर्माण में 87.66 लाख रूपये फूंके जा रहे है वहीं महज इस तालाब से 100 मीटर की दूरी पर एक स्टाप डैम भी बनाया जा रहा है जबकि न तो इस ■जगह पर तालाब की आवश्यकता है न ही स्टाप डैम की। बावजूदइसके सरकारी पैसे को खुर्द-बुर्द करने व अपने चहेतों को माला माल करने आरईएस के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एवं जिम्मेदार अमले द्वारा अमली जामा पहनाया गया है।

Sidhi news:जमीन पर बदल दिया वर्ककोड 

गोपदनदी के समीप बन रहे इस तालाब के निर्माण की जानकारी को गुमराह करने के लिए वर्ककोड ही बदल दिया गया है। नरेगा की साईट में इस तालाब का वर्ककोड 1715/डब्ल्यूसी / 220120349640 41 दिख रहा है और जबकि निर्माण कार्य स्थल पर लगे बोर्ड में वर्क कोड 1715/ डब्ल्यूएल/ 2201203964041 अंकित है जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है किभविष्य में अगर इस तालाब की जांच कराई जाय तो सरकारी अमला वर्ककोड के झमेले में ही उलझ कर रह जाय और स्थल तक टीम ही न पहुंच पाये।

Sidhi news: तालाब के बगल में स्टाप डैम

ग्रामीण यांत्रिकी विभाग सरकारी पैसे को खुर्द-बुर्द करने के इतने तरीके ढूंढ़ रखे है कि पानी का उपयोग किसानों के लिए हो या न हो लेकिन पैसे का उपयोग अपने चहेतों को भरपूर कराया जा रहा है। बताया गया है कि गोपदनदी के समीप बन रहे तालाब में जहां 87.66 लाख रूपये की चपत विभाग को लगेगी उसके साथ-साथ तालाब से 100 मीटर की दूरी पर एक करीब 15 लाख से ऊपर का स्टाप डैम तैयार किया जा रहा है हकीकत यह है कि इस जगह पर गोपदनदी होने के चलते न तो तालाब की उपयोगिता समझी जा रही है और न ही स्टाप डैम की। बावजूद इसके औचित्यहीन जगह पर करोड़ों रूपये फूंके जा रहे है।

मटेरियल के नाम हुआ लाखों का भुगतान

Sidhi news: गोपदनदी के समीप बन रहे तालाब में अभी तक मटेरियल एक रूपये का नही लगा दिखाई दे रहा है लेकिन विभाग द्वारा मटेरियल भुगतान के नाम पर चहेते ठेकेदार अनिल सिंह चौहान को लाखों रूपये का भुगतान कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिस तालाब निर्माण के मटेरियल भुगतान के लिए लाखों रूपये जारी किया गया है उसकी स्थिती यह है कि वहां एक रूपये का भी मटेरियल नहीं लगा है। हां मजदूरी के नाम पर जो राशि खर्च की गई हलाकि वह भी मशीनरी के माध्यम से कार्य कराये गए है।

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