Sidhi news:क्षमता से ज्यादा की लकड़ी का हो रहा था परिवहन-भुईमाड़ के जंगलों में हुई थी खैर की कटाई
Sidhi news:सीधी। जिले में इन दिनों खैर की लकड़ी तस्करी का खेल जोरों से फल-फूल रहा है, जहां खैर के तस्कर दिन में ही बड़े ट्रकों में लोड कर जिले से बाहर ले जाने का खेल खेला जा रहा है, जिस पूरे खेल का रीवा सीसीएफ ने भंडाफोड़ कर दिया है। विगत दिनो तीन ट्रेलरों में क्षमता से ज्यादा करोड़ों की खैर की लकड़ी लोड कर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन इन पर रीवा सीसीएफ की नजर पड़ गई और गाड़ियों को पकड़वाकर जमोड़ी डिपो में खड़ा कर नपाई कराई जा रही है।
Sidhi news:बताया गया कि कुसमी अंचल में संजय टाइगर रिजर्व भुईमाड़ क्षेत्र के घोरबंधा के समीप बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से खैर की लकड़ी की कटाई जनवरी माह में कराई गई थी इस पूरे मामले को लेकर हमारे समाचार पत्र द्वारा खबर का प्रकाशन भी किया गया था बावजूद इसके जिम्मेदारों ने संज्ञान नही लिया मौका पाकर तस्करों द्वारा तीन ट्रेलरों के माध्यम से लादकर बाहरी राज्यों में खपाने की तैयारी की जा रही थी लेकिन इनके मंशुबों पर सीसीएफ रीवा वृत्त ने पानी फेर दिया है। 27 फरवरी की रात को भुईमाड़ से तीन ट्रेलर क्षमता से ज्यादा लकड़ी लोड कर निकले थे इसकी भनक भुईमाड़ क्षेत्र के अधिकारियों को नहीं लग पाई लेकिन रीवा में बैठे सीसीएफ को हुई तो उन्होने सामान्य वन मंडल की टीम को सक्रिय कर टोल प्लाजा के समीप पकड़ने में सफलता पाई है। पकड़े गए वाहनों की जब पड़ताल की गई तो टीपी भी जारी कराई गई है लेकिन जितनी क्षमता की टीपी जारी की गई थी उससे दोगुनी लकड़ी इन ट्रेलरों में लोड कराई गई थी।
Sidhi news:अब ट्रेलरों में लोड लकड़ियों की नापजोख कराई जा रही है। सूत्रों की माने तो इन तीनो गाड़ियों में लोड खैर की लकड़ियों की कीमत करोड़ों रूपये बताई गई है। लेकिन मामले में हैरान करने वाली बात है कि जिले के राजस्व एवं फारेस्ट विभाग को भी इस बात की भनक तक नहीं थी। लगातार जंगलों का दोहन होने के कारण जंगल में निवास करने वाले वन्य प्राणी रिहायसी ईलाकों की ओर आ रहे है, जिसका खामियाजा जंगल के साथ-साथ रिहायसी ईलाके में रहने वाले लोगों को भी उठाना पड़ रहा है। उनका कहना है कि जंगल पर्यावरण के लिए बेहद खास है, ऐसे में वनविभाग उन्हें बचाने में अपनी जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। जिले की वन संपदा खतरे में है। एक तरफ अवैध खनन की वजह से जंगल कम हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वन माफिया घड़ल्ले से बेशकीमती खैर के पेड़ काट रहे हैं। आलम ये है कि खैर के सैकड़ों साल पुराने पेड़ काटने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं।
बड़ा रैकेट, लेकिन छोटे मोहरे पकड़े जाते हैं। पेड़ काटने से लेकर उसे अंतिम ठिकाने तक पहुंचाने में कई टीम काम करती हैं। पेड़ काटने वाले अलग, उन्हें गाड़ी तक पहुंचाने वाले अलग, जंगल तक गाड़ी लाने वाले अलग और गाड़ी को ठिकाने तक पहुंचाने वाले अलग। अक्सर एक टीम दूसरे को नहीं पहचानती। यानी लूट इतने शातिराना अंदाज में होती है कि बड़े खिलाड़ी बच निकलते हैं। छोटे मोहरे ही पकड़े जाते हैं।
पूरे मामले में भुईमाड़ रेंज की भूमिका संदिग्ध ।
Sidhi news:खैर की लकड़ी की कटाई व परिवहन में भुईमाड़ रेंज में पदस्थ वन अमले की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है। सूत्रों की माने तो सौर की लकड़ियों की तस्करी लंबे समय से भुईमाड़ क्षेत्र में की जा रही है। कई बार खबरों का भी प्रकाशन किया गया लेकिन रेंज के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार की जांच कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई गई। अब पूरे मामले को लेकर इनकी भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है।
कटाई से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक सुनियोजित
Sidhi news:खैर तस्कर वैध रूप से किसानों के खेतों में खड़े पेड़ों की कटाई का परमिट लेने वाले ठेकेदारों के सम्पर्क में रहते हैं। जंगलों से चोरी की गई लकड़ी को इन ठेकेदारों के लाइसेंस पर फैक्ट्रियों में भेजे जाने का काम किया जाता है। यहां भी मिलीभगत सामने आती है। क्योंकि परमिट लिया जाता है 10 पेड़ों का और ट्रांसपोर्ट किया जाता है 100 पेड़ों का। परमिट वाले पेड़ों के टुकड़ों तक की गिनती करने का प्रावधान है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी आंख बंद किए रहते हैं। ऐसे में तस्कर और ठेकेदार करोड़ों रुपये कमा जाते है।
रेवन्यू से मंजूरी लेकर जंगलों की कटाई
Sidhi news:सूत्रों की माने तो तस्करों द्वारा राजस्व विभाग से कटाई की मंजूरी लेकर जंगलों में मौजूद खैर की लकड़ियों की कटाई की जाती है। विगत दिनो तीन ट्रेलर और की लकड़ी से लदे पकड़े गए है। अब इसमें सवाल यह उठ रहा है कि जितनी क्षमता की टीपी ली गई थी उससे दोगुनी लकड़ी आखिर कैसे ट्रेलरों में आ गई। अगर पहले से ही दोगुनी लकड़ी ट्रेलरों में लोड थी तो वन विभाग द्वारा टीपी क्यों जारी की गई है एक बड़ा सवाल है।
भौतिक सत्यापन हो तो खुले राज
Sidhi news:भुईमाड़ क्षेत्र के राजस्व भूमियों से खैर की लकड़ी कटने की बात सामने आ रही है इतनी बड़ी मात्रा में लकड़ी आखिर कहां से आई यह बड़ा सवाल है। सूत्रों की माने तो भुईमाइ रेंज के कर्मचारियों की मिली भगत से तस्कर वन विभाग से लकड़ियों की कटाई कराई गई है। अगर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पूरे मामले का भौतिक सत्यापन कराया जाय तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
इनका कहना
Sidhi news:विगत दिनो खैर की लकड़ी से लोड वाहन पकड़े गए है। पकड़े गए वाहन में लोड लकड़ी की नापजोख कराई जा रही है। पूरी मेंजरमेंट के बाद ही बताया जा सकता है कि कितनी लकड़ी लोड थी।
श्रीमती प्रीती अहिरवार डीएफओ सीधी
Sidhi news:अवैध रूप से खैर की लकड़ी का परिवहन तीन बड़े वाहनों माध्यम से किया जा रहा था। पकड़ी गई गाड़ियों में जितनी काटिटी है उससे ज्यादा की लकड़ी मिली है, उनके द्वारा टीपी बनवा कर रखी है उसकी भी डिटेल इक्कांयरी की जायेगी, मौके पर भी जांच होगी जितला वो लोग बता रहे है उससे ज्यादा का माल बरामद हुआ है। पूरे मामले की विधिवत जांच कराई जायेगी।
राजेश कुमार राय सीसीएफ रीवा वृत्त