Sidhi news:सीधी। जिला न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता सुखेन्द्र द्विवेदी कुछ महीनों से न्यायालय में परदनी पहन कर आ रहे हैं जो इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। पुराने परिधान की रीति-रिवाज को यथावत रखते हुए वरिष्ट शासकीय अधिवक्ता अपने कर्तव्य को लेकर न्यायालय में काम भी कर रहे हैं एवं लोगों को यह दिखाने का भी काम कर रहे हैं कि हम अपनी भेषभूषा को न भूलें।
Sidhi news:इस संबंध में शासकीय अधिवक्ता सुखेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि परदनी पहनना एक सामाजिक परंपरा है। मैं स्वयं परदनी धारण कर अपने अन्य साथियों को यह सीख दे रहे हैं कि सभी लोग परदनी पहनना शुरू करें। यह परंपरा सनातनीय धर्म है जो कि बाबा-परबाबा भी पहनते थे। उन्होने कहा कि आज लोग नए फैशन में आ गए हैं लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि मैं खुद परदनी पहनकर लोगों को सीख दे रहा हूं साथ ही आधा सैकड़ा लोगों को परदनी भी भेंट कर चुका हूं। उन्होने कहा कि न्यायलय में अधिवक्ता एक्ट 1961 के तहत परदनी पहनने का प्रावधान है। जिसके तहत मैं उसका पालन कर रहा हूं। उनके द्वारा बताया गया कि रीवा एवं जबलपुर में काम करने वाले वरिष्ट अधिवक्ता कौशल मिश्रा परदनी पहन कर ही काम कर रहे थे। साथ ही राम जन्मभूमि में जिस अधिवक्ता ने पैरवी की वह हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट तक परदनी पहन कर काम किए हैं।