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Sidhi news:मोगली पलटन ने निकाली कछुआ चाल साइकल रैली

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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 Sidhi news:ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन की बाल सेना मोगली पलटन द्वारा जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता हेतु कछुआ चाल साइकल रैली निकाली गयी। रैली गाँधी चौराहा से प्रारम्भ होकर, अस्पताल चौराहा, कलेक्ट्रेट चौराहा, ज़िला पंचायत, गाँधी स्कूल से कॉलेज स्टेडियम रोड होते हुए पुनः गाँधी चौराहा पहुँचकर समाप्त हुयी। पूरी रैली के दौरान बच्चों का उत्साह देखते बन रहा था। ठण्ड में ठिठुरती सड़कें जेनेरिक दवाई और “मैं भी मोगली” के नारों से गूँज रही थीं। ज्ञात हो ऋषिकेश फ़ाउण्डेशन द्वारा जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता हेतु पिछले नौ माह से मिशन रामबाण चलाया जा रहा है।

*जेनरिक दवाएँ क्या होती हैं?*

Sidhi news:आम तौर पर सभी दवाएं एक तरह का “केमिकल सॉल्ट” होती हैं। जेनेरिक दवा जिस सॉल्ट से बनी होती है, उसी के नाम से जानी जाती है। जैसे- दर्द और बुखार में काम आने वाले पैरासिटामोल सॉल्ट को कोई कंपनी इसी नाम से बेचे तो उसे जेनेरिक दवा कहेंगे। वहीं, जब इसे किसी ब्रांड जैसे- क्रोसिन के नाम से बेचा जाता है तो यह उस कंपनी की ब्रांडेड दवा कहलाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि सर्दी-खांसी, बुखार और बदन दर्द जैसी रोजमर्रा की तकलीफों के लिए जेनरिक दवा महज 10 पैसे से लेकर डेढ़ रुपए प्रति टैबलेट तक में उपलब्ध है। ब्रांडेड में यही दवा डेढ़ रुपए से लेकर 35 रुपए तक पहुंच जाती है।

*जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती क्यों?*

Sidhi news:जब कोई कंपनी एक नई दवा बनाती है, तो इसके लिए रिसर्च, डेवलपमेंट, प्रचार और ब्रांडिंग पर पर्याप्त लागत आती है, लेकिन जेनेरिक दवाएं, पहले डेवलपर्स के पेटेंट की अवधि समाप्त होने के बाद उनके फार्मूलों और सॉल्ट का उपयोग करके विकसित की जाती है। इसलिए जेनरिक दवा निर्माताओं को रिसर्च और उत्पादन की लागत कम लगती है। इसके अलावा, जेनरिक दवाओं के निर्माण में मनुष्यों और जानवरों पर बार-बार क्लिनिकल ट्रायल करने का भी कोई खर्च नहीं होता, क्योंकि ये सभी परीक्षण मूल निर्माताओं द्वारा पहले किए जा चुके होते हैं। 

*क्या जेनरिक दवाएँ असरदार हैं?*

Sidhi news:जेनरिक दवाईयों का ब्रांड नेम वाली दवाईयों के समान ही जोखिम और लाभ हैं। सभी सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए एक कठोर समीक्षा के बाद ही जेनेरिक दवाओं को मंजूरी दी जाती है।

Sidhi news:आम जन की गाढ़ी कमाई का दवाओं पर खर्च होने वाला बड़ा हिस्सा लुटने से बच सके इसके लिए मोगली पलटन द्वारा मिशन रामबाण के तहत जागरूकता रैली निकाली गयी।

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