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Teacher’s day:संतोष धनवारे ने पढ़ाई को रुचिकर बनाकर की मिशाल पेस

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Teacher’s day : पढ़ाई को रूचिकर बनाकर शिक्षक संतोष धनवरे ने पेश की अनोखी मिसाल

शिक्षा से जो ज्ञान की ज्योति जलाते हैं, वही शिक्षक कहलाते हैं, ऐसा माना जा रहा है।

Teacher’s day : शिक्षक दिवस में आज हम आपके सामने एक पेश करने जा रहे हैं ऐसी स्टोरी जिसे सुनकर आप भी शिक्षक बनने का मन करने वाले हैं। शिक्षक एक ऐसी व्यवस्था है जो लोगों को बेहतर तरीके से परिवेश देती है जो आपको फ्यूचर में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने में मदद करती है।

एमपी सीहोर जिले मे एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक का वही महत्व होता है, जो एक घड़े के निर्माण में कुम्हार का होता है। शिक्षक विद्यार्थी के भविष्य को सुदृढ़ करने का कार्य करता हैं। शिक्षक वह दीपक होता है, जो स्वयं जलकर अपने छात्र के जीवन में ज्ञान के प्रकाश को स्थापित करता है। इसीलिए शिक्षक को किसी देश के उज्जवल भविष्य का निर्माता भी कहें, तो इसमें कोई संदेह नही। सामूहिक रूप से 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Teacher’s day : बात करें उनके किए गए कार्यों की तो उनकी किए गए कार्य काफी सराहनी है जहां पर सीहोर जिले से वे आते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसी ही अनोखी मिसाल पेश की हैं। सीहोर जिले के भैरूंदा विकासखंड के ग्राम खरसानिया के हाईस्कूल में पदस्थ शिक्षक संतोष धनवरे। श्री धनवरे एक ऐसे समर्पित शिक्षक हैं जिन्होंने बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचिकर वातावरण का निर्माण किया हैं, एवं शिक्षा को खेल के समान आसान बना दिया हैं।

इतना ही नहीं धनवरे ऐसी टीएलएम सहायक शिक्षण सामग्री बनाते हैं जिसे बच्चो के लिए पढ़ाई आनन्ददमयी और आसान हो जाती है। अपनी इन्हीं अनेक प्रतिभाओं के लिए श्री धनवरे अनेक बार राज्य स्तर पर पुरूस्कृत हो चुके हैं, और यही नही बल्कि श्री धनवरे को अपनी इस प्रतिभा के लिए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश गौरव सम्मान, शत-प्रतिशत परीक्षा परिणामों के लिए मुख्यमंत्री से सम्मान, टीएलएम रत्न से विज्ञान विषय में प्रथम पुरस्कार, कोरोना काल में शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों के लिए भारत सरकार द्वारा सराहना एवं अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं।

इसके अलावा संतोष धनवरे ने स्वयं के पैसे एवं स्वयं की कलाकारी से शाला के वातावरण को बदला, इसका परिणाम यह हुआ कि प्राईवेट स्कूल के बच्चे सरकारी स्कूल की और कदम बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूचि बढड़ी है तथा बेहतर परीक्षा परीणाम देखने को मिले।

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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