Tehsildar’s order:तहसीलदार के आदेश को किया दरकिनार कहा नहीं हटाएंगे हम कब्ज़ा
Tehsildar’s order: सीधी के आदिवासी अंचल कुसमी में इन दिनों लगातार भ्रष्टाचार का आलम दिखाई दे रहा है क्योंकि अधिकारी और कर्मचारी भी उसमें संलिप्त होते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि तहसीलदार ने खुद आदेश किया और उसका परिपालन भी खुद नहीं करवा पा रहे हैं तो दूसरे के आदेश पर क्या प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
Tehsildar’s order: दरअसल पूरा मामला तहसील कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत भगवार का है। जहा उग्रसेन नामदेव पिता रामावतार नामदेव ने शासकीय भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया था और नवनिर्माण मकान बनाकर कब्जा कर रहा था। जहां पटवारी के प्रतिवेदन के बाद तहसीलदार ने आदेश जारी किया और उसे हटाने के लिए निर्देश भी जारी किए।
इतना ही नहीं उसे पर जुर्माना भी लगाया गया ₹1000 का जमाने के साथ ही साथ उसे बलपूर्वक हटाने के लिए भी उन्होंने आदेश जारी किया था। यह वही तहसीलदार है जिन्होंने आदेश जारी किया लेकिन खुद आदेश जारी करने के बाद वह भूल गए कि उन्होंने क्या आदेश जारी किया था। यानी 28 नवंबर 2023 को आदेश तो उन्होंने पारित कर दिया लेकिन अभी तक उसका परिपालन खुद भी नहीं कर पाए हैं।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि सब मिली भगत के चलते अतिक्रमण खाली नहीं हो पा रहा है। या तो अतिक्रमण करता दबंग व्यक्ति है जिसे शासन अतिक्रमण खाली करने में उसके पसीने छूट रहे हैं। या तो लेनदेन या साठ गांठ का मामला दिखाई दे रहा है। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि अब इस पर तहसीलदार के द्वारा क्या कार्यवाही हो पा रही है।
हालांकि इन सबके संबंध में जब तहसीलदार कुसमी राजेश पारस को फोन के माध्यम से पूछा चाहा गया तो उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा। ऐसे में आपस में उठता है कि आगे तहसील का क्या कार्रवाई करते हैं।
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