क्लाइव और सिराजुद्दौला के बंगाल की गद्दी से उतरने की योजना को पूर्ण करने लग गया उसके पूर्ण होते ही उसने अपनी सेवा को कुछ करने की आज्ञा की जब सिराजुद्दौला को यह पत्र प्राप्त हुआ है तो उसने भी अपने सैनिक तैयार करना प्रारंभ किया अपनी सेवा को लेकर प्लासी नामक स्थान पर पहुंच गया क्लाइव ने प्लासी के लिए प्रस्थान किया नवाब के अधीन 50000 सैनिक थे जिनको देखकर कलाई घबरा गया इसी समय उसकी समाचार मिला कि मीर जाफर नवाब से मिल गया है उसकी चिंता और भी बढ़ गई जब वह इसी स्थिति पर विचार कर रहा था तभी उसको मीर जाफ़र का संदेश मिला उसमें उससे आगे बढ़ाने के लिए आदेश था उसे समाचार को मिलते ही उसने नवाब की सेवा पर आक्रमण करने का निश्चय किया
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🤨 23 जून 1757 ई को प्रातः प्लाशी का युद्ध प्रारंभ हुआ अमीर मर्दन वह फ्रांसीसियों ने अंग्रेजों का बड़ी वीरता व साहस के साथ सामना किया, किंतु वह युद्ध में लड़ते रहे जब सिराजुद्दौला को मीर मरदान की मृत्यु का समाचार ज्ञात हुआ तो उसने मिल जफर से अंग्रेजों पर आक्रमण करने को कहा किंतु उसने युद्ध में भाग नहीं लिया और चुपचाप तमाशा देखता रहा जब सिराजुद्दौला ने यह देखा तो वह बड़ा भयभीत हुआ और उसने भागने का निश्चय किया वह युद्ध क्षेत्र से भाग किंतु कुछ समय बाद बंदी बना लिया गया….
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प्लासी के युद्ध का यह कारण था कि कर्नाटक में फ्रांसीसियों के विरुद्ध सफलता प्राप्त करने का निश्चित अंग्रेज बंगाल में अपनी सत्ता को डेढ़ पूर्वक स्थापित करना चाहते थे अपनी इसी उद्देश्य की प्रति के लिए अंग्रेज ने प्लासी युद्ध का षडयंत्र पूर्वक योजना बनाई