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प्रागितिहास (Prehistory) मानव अतीत के उस भाग को प्रागितिहास कहते हैं जबकि मानव का अस्तित्व तो था परन्तु लेखन कला का आविष्कार अभी नहीं हुआ था . विश्व इतिहास में लेखन कला का आरंभ सबसे पहले मेसोपोटामिया सभ्यता में लगभग ३२०० ई॰पू॰ से माना जाता है .।[1] इस तरह प्रागितिहास, लगभग 33 लाख साल पहले होमिनिन मानव द्वारा पत्थर के उपकरणों के प्रथम उपयोग और ३२०० ई॰पू॰ में लेखन प्रणालियों के आविष्कार के बीच इस काल में मानव-इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई जिनमें हिमयुग, मानवों का अफ़्रीका से निकलकर अन्य स्थानों में विस्तार, आग पर स्वामित्व पाना, कृषि का आविष्कार, कुत्तों व अन्य जानवरों का पालतू बनना इत्यादि शामिल हैं। ऐसी चीज़ों के केवल चिह्न ही मिलते हैं, जैसे कि पत्थरों के प्राचीन औज़ार, पुराने मानव पड़ावों के अवशेष और गुफाओं की चित्रकारी इत्यादि । पहिये का आविष्कार भी इस काल में हो चुका था जो प्रथम वैज्ञानिक आविष्कार था।
प्रागैतिहासिक काल में मानवों का वातावरण बहुत भिन्न था। अक्सर मानव छोटे क़बीलों में रहते थे और उन्हें जंगली जानवरों से जूझते हुए शिकारी – संग्राहक का जीवन व्यतीत करना पड़ता था। विश्व की अधिकतर जगहें अपनी प्राकृतिक स्थिति में थीं।[2] ऐसे कई जानवर थे जो आधुनिक दुनिया में नहीं मिलते, जैसे कि मैमथ और बालदार गैंडा।[3] विश्व के कुछ हिस्सों में आधुनिक मानवों से अलग भी कुछ मानव जातियाँ थीं जो अब विलुप्त हो चुकी हैं, जैसे कि यूरोप और मध्य एशिया में रहने वाले निअंडरथल मानव।
प्रागैतिहास में हम इन्हीं विभिन्न मानव प्रजातियों और उनके समाज के क्रमिक उद्विकास को समझने का प्रयास करते हैं. प्रागैतिहास को अपनी बहुत सी सामग्री मानव विज्ञान (एंथ्रोपोलॉजी), उद्विकास (एवोल्यूशन) और पुरातत्वविज्ञान ( आर्कियोलोजी) से प्राप्त होती है .