19वीं शताब्दी के प्रारंभ में राजपूत अथवा प्रतिहरों के सामंत उपेंद्र ने मालवा में परमार राजवंश की स्थापना की वास्तव में प्रथम राजा हर्ष अथवा सियाग द्वितीय थे जिनका 1945 में स्वयं को स्वतंत्र घोषित किया तथा नर्मदा नदी तट पर तत्कालीन राष्ट्रकूट शासक खोटी को पराजित किया परमार राजा बागपत मूंज निर्धन को मुंज सागर झील का निर्माण करवाया मूंज की मृत्यु के पश्चात सिंधु राज शासक बना सिंह राज्य के पश्चात उनके पुत्र भोज गाड़ी पर बैठा भोज ने कल्याणकारी के चालुक्य को पराजित किया
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इंद्राथ नामक शासक लत के कीर्ति वर्मा तथा शिला हवासी कोष देव को कोकण प्रदेश जीत लिए पराजित मंजरी उदयपुर प्रशस्ति तथा पल्लवन अभिलेख के अनुसार भोज ने त्रिपुरा के कलचुरी गैंग देव शंकर भारी को पराजित किया गुजरात के चालुक्य भी प्रथम तथा कलचुरी कारण ने एक संघ बनाकर भोज पर आक्रमण किया