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अकबर का जीवन परिचय… कैसा था वो जानते है

कितने आन्दोलन किये

अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 के दिन हुआ था। उसके बचपन का नाम अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर था। 1556 में अकबर अपने पिता हुमायूँ जो दिल्ही सल्तनज बादशाह का उत्तराधिकारी बना लिया था। 13 वर्ष की उम्र में बैरम खान को उसने शहंशाह घोषित किया था। क्योकि उस समय अकबर एक किशोर था। इसलिए उसके बड़े होने तक बैरम खान ने उसकी जगह शासन किया था। अकबर को उसकी कई उपलब्धियों के कारण उसे ‘द ग्रेट’का उपनाम दिया गया था।

 

 मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर के नाम से प्रसिद्धी पाने वाले मुग़ल शासक थे। उन्हें इतिहास में सबसे सफल मुग़ल शासक के रूप में जाना जाता हैं। यह एक ऐसा राजा बना जिसे दोनों सम्प्रदायों हिन्दू और मुस्लिम को प्यार से स्वीकार किया, इसलिए इन्हें जिल –ए-लाही के नाम से नवाजा गया। अकबर के शासन से ही हिन्दू मुस्लिम संस्कृति में संगम हुआ जो कि उस वक्त की नक्काशी से साफ़ जाहिर होता हैं। मंदिरों और मज्जितों में समागन हुआ दोनों को समान सम्मान का दर्जा दिया गया। रतीय राष्ट्रीय आंदोलन)

 

अकबर डिस्लेक्सिक थे वह पढ़ना या लिखना नहीं चाहते थे। हालाँकि, उसे महान संगीतकार तानसेन और बीरबल जैसे लेखकों, संगीतकारों, चित्रकारों और विद्वानों की कंपनी बहुत पसंद थी। अकबर के नवरत्न पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह सर्वविदित है। अकबर सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु था। उनकी 25 से अधिक पत्नियां थीं। और उनमें से अधिकांश दूसरे धर्मों की थीं। उसकी कई पत्नियों में सबसे महत्वपूर्ण जोधाबाई थीं। जो जयपुर की राजकुमारी थीं।

 

उसने अपना युवावस्था शिकार करने, दौड़ने और युद्ध करना सीखने में बिताई थी। जिसने वह बाद में एक साहसी, शक्तिशाली और एक बहादुर योद्धा बना। 1563 में, अकबर ने मुस्लिमों के पवित्र स्थान पर आने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों से कर वसूलने का कानून रद्द कर दिया। अकबर सभी धर्मों के प्रति उदार रवैया रखता था। इस उदारवादी रवैये(Liberal Attitude) से उसे अपने क्षेत्र के विस्तार में भी काफी मदद मिली थी।

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