Sidhi news:सड़क पर खड़े वाहनों से रात्रि के समय अधिकांश होती है दुर्घटनाएं
संवाददाता अविनय शुक्ला
Sidhi news:सीधी जिले की मुख्य सड़कों के किनारे बेतरतीब खड़े होने वाले वाहनों के चलते सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। दिन के समय तो सड़क से गुजरने वाले वाहनों के चालकों को बेतरतीब खड़े वाहनों की जानकारी समय रहते मिल जाती है और वह सावधानी पूर्वक आगे निकल जाते हैं किन्तु रात के समय सड़क की पटरियों में खड़े होने वाले वाहनों के चलते हादसो की संभावना बढ़ जाती है। जिले में हर महीने ऐसे हादसे सामने आ रहे हैं जिनका मुख्य कारण सड़क के किनारे खड़े वाहन ही रहते हैं। दरअसल सड़कों के किनारे या फिर आधी सड़क दबाकर वाहन मनमौजी तौर पर चालक खड़ा कर देते हैं। यह वाहन बेतरतीब रूप से इसी तरह घंटों खड़े होकर समस्याएं बढ़ाते रहते हैं। रात के समय सड़क में अव्यवस्थित रूप से खड़े वाहनों के चलते सड़क हादसे हो जाते हैं। उस दौरान असमय ही कई लोग काल के गाल में समा जाते हैं या फिर गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिन्दगी और मौत से संघर्ष करते रहते हैं। सड़क हादसों के शिकार होने वाले लोगों का पूरा परिवार इस देश को भुगतने के लिए मजबूर होता है। जानकारों के अनुसार मुख्य सड़कों के किनारे ढावों के संचालन की मची होड़ के चलते भारी वाहनों के साथ हीअन्य वाहन भी आसपास घंटों खड़े रहते हैं।
Sidhi news: वाहन चालकों को आकर्षित करने के लिए ढावा संचालक अपने यहां सभी सुविधाएं मुहैया कराते हैं। इनमें खाने-पीने से लेकर नशे की सामग्री भी शामिल होती हैं। इसी वजह से भारी वाहनों के ड्राइवर एवं खलासी प्राथमिकता के साथ ढावों के किनारे ही रूकते हैं वहां उन्हे नहाने, सोने एवं खाने-पीने की सामग्री के साथ ही नशे की सामग्री भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। दूर से आने वाले वाहनों के कर्मचारियों द्वारा ढावों में कई घंटे रूकते हैं और उस दौरान उनके वाहन सड़क पर ही बेतरतीब रूप से खड़े होकर सड़क हादसों को बड़ा आमंत्रण देते रहते हैं। जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग के साथ ही ग्रामीणअंचलों की सड़कों में भी यही स्थिति देखी जा रही है।
Sidhi news: इसी वजह से सड़क के किनारे खड़ेवाहनों में रात के दौरान अन्य वाहन आकर टकरा जाते हैं और उनमें सवार लोग गंभीर सड़क हादसे के शिकार हो जाते हैं। यह जानकारी स्थानीय थाना पुलिस को भी बखूबी रहती है किन्तु उनके द्वारा इस संबंध में कभी भी यह व्यवस्था बनाने का प्रयास नहीं किया गया कि ढावों के आसपास वाहनों का जमावड़ा नहीं होना चाहिए। यदि ढावों में वाहन रुकते हैं तो मुख्य सड़क से काफी दूर खड़े हो। जिला मुख्यालय के समीपी क्षेत्रों में में कई बड़े ढ़ाबे संचालित हो रहे हैं। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही स्टेट हाईवे की चमचमाती हुई बेहतर सड़कें हैं। लिहाजा रात में भी काफी तेज रफ्तार से यहां से वाहनों की आवाजाही होती है। सड़क के किनारे भारी मालवाहकों के खड़े रहने से हादसे की संभावना बनी रहती है।
वाहनों पर नही की जाती कार्यवाई
Sidhi news: यातायात नियमों के अनुसार कोई भी वाहन सड़क पर यदि किसी कारण से खड़ा होता है तो उसको अनिवार्य रूप से अपना इंडीकेटर संकेतक मोड़ में जलाना चाहिए। देखा यह जाता है कि सड़क की पटरी पर या फिर सड़क को दबाकर खड़े होने वाले वाहनों की तमाम लाईटे सत में भी बंद रहती है जिसके चलते तेज रफ्तार में वहां से गुजरने वाले अन्य वाहन चालकों को सही जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में सड़क से तेज रफ्तार में गुजरने वाले वाहनों के चालक यह नहीं समझ पाते कि सड़क की पटरी पर अन्य वाहन खड़ा हुआ है। इसी अनिश्चितता के चलते रात में कई वाहन पहले से सड़क में खड़े वाहनों से आकर टकरा जाते हैं। तेज रफ्तार में होने वाली भिडंत के चलते छोटे वाहनों में सवार लोगों की मौत या फिर गंभीर रूप से घायल होने की घटनाएं सामने आती हैं। ऐसे में पुलिस एवं परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सड़क के किनारे या सड़क पर अनावश्यक रूप से वाहन न खड़े हो। यादि इस तरह की अव्यवस्था नजर आती है ढावा संचालकों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।