Umaria News: मां बिरासिनी देवी मंदिर की दुकानों का 21.70 लाख रुपये बकाया, समिति ने किराएदारों को जारी किया सख्त नोटिस
उमरिया तपस गुप्ता
Umaria News: उमरिया जिले के पाली नगर में आस्था का केंद्र माने जाने वाले मां बिरासिनी देवी मंदिर की दुकानों पर भारी बकाया किराए को लेकर मंदिर प्रबंधन ने कड़ा रुख अपनाया है। मंदिर परिषद परिसर में स्थित 21 दुकानों पर कुल 21 लाख 70 हजार 700 रुपये का किराया बकाया है। इसे लेकर मां बिरासिनी देवी प्रबंध समिति ने सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया है और सात दिन के भीतर बकाया चुकाने का निर्देश दिया है।
Umaria News: प्रबंध समिति के अनुसार, मंदिर परिसर में निर्मित 21 दुकानों को स्थानीय नागरिकों को किराए पर दिया गया है। इन दुकानों से प्राप्त होने वाला किराया मंदिर की देखरेख, धार्मिक आयोजनों के संचालन का प्रमुख साधन है। लेकिन लंबे समय से किराया जमा नहीं होने से मंदिर की आय प्रभावित हो रही है।
Umaria News: समिति ने पहले भी कई बार किराएदारों से मौखिक और लिखित रूप से संपर्क कर बकाया जमा करने की अपील की थी, मगर अपेक्षित सहयोग नहीं मिल सका। अब समिति ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए नोटिस में कहा है कि यदि सात दिवस के भीतर किराया जमा नहीं किया गया, तो संबंधित दुकानों को खाली कराया जाएगा और किराएदारों के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए पूर्ण रूप से दुकानदार स्वयं जिम्मेदार होंगे।
Umaria News: पाली नगरवासियों के लिए मां बिरासिनी देवी मंदिर सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और संस्कृति का प्रतीक भी है। यहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए आय का नियमित रूप से आना अत्यंत आवश्यक है।
Umaria News: समिति की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई नागरिकों और श्रद्धालुओं ने समिति के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि मंदिर संपत्ति का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और समय पर किराया वसूली अत्यंत आवश्यक है।
Umaria News: इधर, मामले में प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। पाली के एसडीएम व मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष अंबिकेश सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। जो भी बकाया राशि है, उसे जल्द वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”
Umaria News: अब यह देखना होगा कि दुकानदार समय रहते किराया चुकाते हैं या फिर मामला कानूनी कार्यवाही की ओर बढ़ता है। मंदिर समिति के इस कदम को मंदिर संचालन में पारदर्शिता और अनुशासन लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।