Supreme Court: ऑल द बेस्ट, अच्छा करो..
मेहनत करके सफलता हासिल करने वाले छात्र का एडमिशन न होने की वजह से पूरा मामला सुर्खियों में बना हुआ था जहां इस पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील तैयार की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक आदेश जारी किया जो सबको हैरत में डाल दिया।
Supreme Court : तो आइए जानते है जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये बात एक अनुसूचित जाति के छात्र से क्यों कहा!
आज हम आपको बताने वाले हैं कि जस्टिस से चंद्रचूर्ण ने एक अनुसूचित जाति की छात्र से यह सब बातें क्यों की इसके बारे में हम आपको बताएंगे जहां जस्टिस चंद्रचूड़ ने इसलिए यह सब बातें की क्योंकि एक दिन की वजह से एक होनहार छात्र गरीबी की वजह से अपना एडमिशन नहीं कर पाया। जिसके बात जस्टिस से चंद्रचूड़ ने उस अनुसूचित जाति के छात्र से बात की।
Supreme Court : उत्तरप्रदेश के छात्र अतुल का ने IIT एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की।
दरअसल यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश का है जहां उत्तर प्रदेश के रहने वाले अतुल ने आईआईटी जेईई एडवांस्ड की परीक्षा उतरन कर ली थी। यह बहुत ही कम होता है जब एक गरीब छात्र इस मुकाम तक पहुंच पाता है। जहा अतुल को IIT धनबाद मिला, लेकिन अतुल कॉलेज की फीस 17,500 रुपए जमा कर पाते कि उस ठीक पहले कॉलेज की वेबसाइट पर फ़ी लिंक बंद हो गया।
आपको बतादे की अतुल के पिता मजदूरी करते हैं इसलिए उन्हें पैसे की व्यवस्था करने में थोड़ा समय लग गया। अतुल का एडमिशन हाथ से निकल चुका था इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया और आखिरकार उन्हें फिर से एडमिशन करने के लिए अनुमति दे दी।
सुनवाई के बाद CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि “ऐसे युवा प्रतिभाशाली लड़कों को हम यूं ही नहीं जाने दे सकते।”
CJI चंद्रचूड़ ने IIT धनबाद को अतुल का एडमिशन करने का आदेश दिया और अतुल को ऑल द बेस्ट भी कहा।