Mp news : जिला मऊगंज, मध्य प्रदेश के सबसे नए और छोटे जिलों में से एक है, जो 2023 में रीवा जिले से अलग होकर अस्तित्व में आया। हाल ही में मार्च 2025 में इस जिले में हुई हिंसा ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया। नीचे इस घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है, जिसमें क्या हुआ, कैसे हुआ, और अब तक क्या कार्रवाई हुई, यह शामिल है। यह जानकारी उपलब्ध समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पर मौजूद नवीनतम अपडेट्स पर आधारित है।
क्या हुआ?
Mp news : 15 मार्च 2025 को मऊगंज जिले के गडरा गांव में एक हिंसक घटना सामने आई। इस घटना की शुरुआत एक जमीनी विवाद से हुई, जिसके बाद स्थिति अनियंत्रित हो गई। इस मामले में दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ा, जिसमें एक पक्ष आदिवासी समुदाय से था। इस हिंसा में निम्नलिखित प्रमुख घटनाएं हुईं
युवक की हत्या
Mp news : आदिवासी समुदाय के लोगों ने सनी द्विवेदी नामक एक युवक को बंधक बनाया और उसकी हत्या कर दी। यह हत्या दो महीने पहले हुए एक हादसे से जुड़ी बताई जा रही है, जिसमें अशोक कुमार आदिवासी की मौत हुई थी। आदिवासी समुदाय ने इसे हादसा नहीं, बल्कि हत्या माना और सनी द्विवेदी को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस द्वारा सनी को क्लीन चिट देने से असंतोष बढ़ा, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
पुलिस पर हमला
सनी को छुड़ाने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक टीम गांव पहुंची। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में धारदार हथियारों, कुल्हाड़ियों और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। SAF (स्पेशल आर्म्ड फोर्स) के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) रामनरेश सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा, थाना प्रभारी (TI) शाहपुर, तहसीलदार, और कई अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए। कुछ अधिकारियों को बंधक भी बनाया गया।
हिंसा का मंजर
Mp news : घायल थाना प्रभारी ने बताया कि यह उनके 20 साल के करियर का सबसे खौफनाक मंजर था। भीड़ ने पुलिस टीम को चारों तरफ से घेर लिया और हमला किया, जिससे स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो गई।कैसे हुआ?इस घटना के पीछे कई कारणों का योगदान रहा
जमीनी विवाद और पुराना तनाव
यह हिंसा एक जमीनी विवाद से शुरू हुई, जो दो समुदायों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का परिणाम थी। दो महीने पहले अशोक कुमार की मौत ने इस तनाव को और बढ़ा दिया था। आदिवासी समुदाय का मानना था कि पुलिस ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे उनका गुस्सा भड़क उठा।
पुलिस की कथित निष्क्रियता
Mp news : सनी द्विवेदी को पुलिस द्वारा क्लीन चिट दिए जाने से आदिवासी समुदाय में आक्रोश था। उनका आरोप था कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की, जिसके चलते उन्होंने खुद “न्याय” करने का फैसला किया।
भीड़ का उग्र रूप
जब पुलिस गांव पहुंची, तो सैकड़ों की संख्या में उग्र भीड़ ने संगठित रूप से हमला किया। पुलिस के अनुसार, यह हमला पहले से सुनियोजित लग रहा था, क्योंकि भीड़ ने हथियारों और रणनीति का इस्तेमाल किया।
प्रशासनिक तैयारियों की कमी
पुलिस और प्रशासनिक टीम कम संख्या में पहुंची थी, जिसके कारण वे भीड़ का मुकाबला करने में असमर्थ रहे। शुरुआती बल प्रयोग भी स्थिति को संभालने में नाकाफी साबित हुआ।अब तक क्या कार्रवाई हुई?इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस ने तेजी से कदम उठाए हैं।
17 मार्च 2025 तक की स्थिति के अनुसार
गिरफ्तारियां
पुलिस ने हिंसा में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय सूत्रों का सहारा लिया जा रहा है। रीवा रेंज के DIG साकेत प्रकाश पांडे ने कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो एक नजीर बनेगी।
अतिरिक्त बल की तैनाती
Mp news : स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मऊगंज में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। रीवा और सीधी जिलों से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई। कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने गांव में धारा 163 (पहले धारा 144) लागू कर दी है, ताकि शांति व्यवस्था बहाल हो सके।हथियारों की बरामदगी: हमलावरों द्वारा छीनी गई मृतक सनी द्विवेदी के पिता की लाइसेंसी राइफल को बरामद करने की कोशिश जारी है। पुलिस ने कुछ हथियारों को जब्त किया है और जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि हिंसा के पीछे और कौन-कौन शामिल था।
उच्च स्तरीय जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच के संकेत मिले हैं। प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि हिंसा के वास्तविक कारण क्या थे और इसे रोकने में कहां चूक हुई।स्थिति पर नियंत्रण: कलेक्टर और SP सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। 17 मार्च तक हालात सामान्य होने की खबर है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है।
निष्कर्ष
मऊगंज की यह हिंसा एक स्थानीय विवाद से शुरू होकर बड़े पैमाने पर कानून-व्यवस्था की चुनौती बन गई। इसमें एक नागरिक और एक पुलिसकर्मी की जान गई, साथ ही कई लोग घायल हुए। यह घटना मध्य प्रदेश में प्रशासनिक तैयारी और सामुदायिक तनाव को संभालने की कमियों को उजागर करती है।
फिलहाल, पुलिस और प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आने वाले दिनों में जांच से इस घटना के और पहलू सामने आ सकते हैं।