Gwalior में गरबा-डांडिया पर सख्ती,बिना आईडी प्रवेश वर्जित, बजरंग दल की निगरानी से बढ़ी सुरक्षा
नवरात्रि महोत्सव के तहत Gwalior शहर में आयोजित होने वाले गरबा-डांडिया कार्यक्रमों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका सिंह चौहान ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी आयोजन में बिना पहचान पत्र के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश न दिया जाए। प्रशासन ने इसे सुरक्षा मानकों से जोड़ा है ताकि धार्मिक आयोजनों के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान या अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
Gwalior कलेक्टर ने बताया कि गरबा-डांडिया कार्यक्रम मां दुर्गा की आराधना का हिस्सा हैं और यह पूर्णतः धार्मिक आयोजन हैं। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों को सुरक्षित रखा जाए। इसी उद्देश्य से एसडीएम और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीमों को आयोजन स्थलों पर लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन बजरंग दल ने भी गरबा-डांडिया कार्यक्रमों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। बजरंग दल के पदाधिकारियों का कहना है कि यह कार्यक्रम सनातन संस्कृति और धार्मिक भावनाओं से जुड़े हैं, इसलिए इनमें गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर कहीं नियमों के विपरीत प्रवेश दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। बजरंग दल ने साफ कर दिया है कि वह हर आयोजन पर पैनी नजर रखेगा।
ग्वालियर शहर में इस वर्ष आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर गरबा-डांडिया के भव्य आयोजन हो रहे हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर मां दुर्गा की भक्ति में लीन होकर नृत्य कर रहे हैं। रोशनी से जगमगाते पंडालों और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा शहर नवरात्रि के रंग में रंगा हुआ है।
प्रशासन और पुलिस का मानना है कि कड़ी निगरानी और आईडी अनिवार्यता से आयोजन और भी सुरक्षित और सुव्यवस्थित होंगे। वहीं बजरंग दल के रुख से माहौल में तनाव की आशंका भी जताई जा रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन की सतर्कता और सख्ती के बीच ग्वालियर के गरबा-डांडिया आयोजन कितने शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होते हैं।