सीधी में बारिश से बर्बाद फसल पर बघेली में छलका दर्द: महिला किसान का गीत सोशल मीडिया पर वायरल”
“Rain Havoc in Sidhi: महिला किसान का बघेली दर्द भरा गीत छू गया लोगों का दिल, सर्वे के निर्देश”
Rain Havoc in Sidhi:सीधी जिले में लगातार एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में पानी भर गया, धान की खड़ी फसल भीगकर सड़ने लगी और जिसे किसान पूरे साल मेहनत से उगाते हैं, वह देखते-देखते बर्बाद हो गई। किसानों का दर्द अब सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरीकों से सामने आने लगा है। इसी बीच एक मार्मिक वीडियो मंगलवार को तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें क्षेत्रीय बघेली बोली में एक महिला किसान अपनी पीड़ा गीत के माध्यम से बयां कर रही है।
यह वीडियो लोगों के दिलों को छू रहा है और इसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। बघेली बोली, जिसे मध्यप्रदेश सरकार ने आधिकारिक रूप से बोली का दर्जा दिया है, में गाया गया यह गीत सिर्फ सुर-ताल नहीं बल्कि किसानों की असली व्यथा को सामने लाता है। वीडियो में महिला किसान अपने साथियों के साथ खेत में भीगी हुई धान को समेटने की कोशिश करती दिख रही हैं।
गीत में वह बता रही है कि इस साल तेज बारिश और ओलावृष्टि (पत्थर गिरने) ने फसल को तबाह कर दिया। इनपुट कॉस्ट पहले से बहुत ज्यादा थी—बीज, खाद और मजदूरी के दाम बढ़ गए, जिससे किसान देर से बोवनी कर पाए, और अब जब फसल तैयार हुई तो पानी में डूबकर सड़ने लगी। महिला किसान इस दर्द को गीत में कुछ यूं कहती हैं कि अब तो लगता है कि गरीब किसानों की मौत ही हो जाएगी, क्योंकि चावल भी महंगा हो जाएगा और खाने के लाले पड़ जाएंगे।
Rain Havoc in Sidhi: समाजसेवी एवं पूर्व जनपद उपाध्यक्ष प्रभात वर्मा ने इस वीडियो को किसानों की ग्राउंड रियलिटी बताते हुए कहा, “यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि किसानों के दर्द की भाषा है। प्रशासन को तत्काल सर्वे कराकर मुआवजा देना चाहिए, ताकि किसान की पीड़ा कम हो सके।”
वहीं, सीधी कलेक्टर स्वरोचिश सोमवंशी ने कहा कि प्रशासन की यह नैतिक और प्रशासनिक ज़िम्मेदारी है कि प्रभावित किसानों की मदद की जाए। “एसडीएम, तहसीलदार और पटवारियों को तुरंत सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के बाद सरकार की ओर से राहत राशि प्रदान की जाएगी,” उन्होंने आश्वासन दिया।
गीत बघेली में –
“पानी भरिगा, पथरा पड़िगा, सरिगई सलगी धान,
गरीबा वनका मरही होइगा।
लगावत के बेरी खादीं महंगी हुई गा रही
और अब चावल महंगा होइ जई रे।
अब गरीबावन का मरही होइगा रे।”
