“किसान डूबे संकट में… प्रशासन SIR लिस्ट में व्यस्त!”
मड़वास–मझौली के किसानों में रोष, आज तहसील में प्रदर्शन, अनशन की चेतावनी
सीधी जिले में अप्रत्याशित बारिश से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, परंतु जिला प्रशासन की उदासीनता ने किसानों के घाव पर नमक छिड़कने का काम किया है। हालात यह हैं कि खेतों और खलिहानों में सड़ रही धान को किसान अपने परिवार के साथ स्वयं उठाने को मजबूर है, जबकि शासन-प्रशासन से राहत और सर्वे की उम्मीद लिये बैठे किसान अब आक्रोशित होने लगे हैं।
सीधी और धौहनी दोनों विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों—कुंवर सिंह टेकाम तथा सीधी विधायक—ने कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल सर्वे कराने एवं मुआवजा दिलाने की मांग की है। बावजूद इसके, राजस्व विभाग की टीम फसल नुकसान सर्वे की जगह “SIR वोटर लिस्ट” सुधारने के कार्य में व्यस्त दिखाई दे रही है, जबकि जिले में निकट भविष्य में कोई चुनाव नहीं है। ऐसे में बड़ा प्रश्न उठता है कि किसान की बर्बाद फसल के बाद सर्वे होगा तो आखिर किस चीज़ का किया जाएगा?
ग्राउंड पर सच्चाई यह है कि गांव–गांव में अभी तक पटवारी पहुंचे ही नहीं हैं। किसान अपनी बची-खुची फसल किसी तरह इकट्ठा कर रहा है ताकि पूरी तरह नुकसान न हो जाए। कई किसानों ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि “किसान की फसल सड़ रही है, और प्रशासन रिकॉर्ड के कागज़ भरने में उलझा है।”
इसी लापरवाही के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता एवं किसान शालिक द्विवेदी ने किसानों के साथ आंदोलन की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि आज 5 नवंबर को दोपहर 3 से 5 बजे के बीच मड़वास तहसील में ज्ञापन सौंपा जाएगा, और यदि जिला प्रशासन ने तत्काल सर्वे शुरू नहीं किया तो यह धरना आमरण अनशन में बदलेगा। उन्होंने अधिक से अधिक किसानों व जनप्रतिनिधियों से इसमें शामिल होने की अपील की है।
किसानों की यह सीधी चेतावनी है—
“अब सर्वे नहीं, समाधान चाहिए… नहीं तो प्रशासनिक चुप्पी के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।”
