धमोखर जंगल में तेंदुए की संदिग्ध मौत, आपसी संघर्ष की आशंका, वन विभाग की सघन निगरानी
उमरिया जिले के धमोखर वन परिक्षेत्र में शुक्रवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बीट बद्रेहल क्षेत्र में नियमित गश्त के दौरान वन कर्मियों को एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला। जंगल के भीतर इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सतर्क हो गए और तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। सूचना के बाद विभागीय अमला मौके पर पहुंचा और जांच की प्रक्रिया शुरू की गई।

प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र में मादा बाघ और तेंदुए के पगचिह्न पाए गए। वन अधिकारियों के अनुसार उपलब्ध साक्ष्य, पगमार्क और प्राकृतिक परिस्थितियां इस ओर इशारा करती हैं कि तेंदुए की मौत जंगल में मांसाहारी वन्यजीवों के आपसी संघर्ष के कारण हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि जंगल में क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर बाघ और तेंदुए के बीच टकराव की घटनाएं असामान्य नहीं हैं।
मृत तेंदुए के शरीर की गहन जांच में उसके नाखून, दांत और मूंछें पूरी तरह सुरक्षित पाई गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि घटना में अवैध शिकार या किसी प्रकार के मानव हस्तक्षेप की कोई भूमिका नहीं है। वन विभाग ने फिलहाल आपराधिक गतिविधि की आशंका को नकारते हुए इसे प्राकृतिक घटना माना है।
घटना को देखते हुए वन विभाग ने एहतियातन पूरे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है। तेंदुए के शव मिलने के स्थान के चारों ओर लगभग छह किलोमीटर की परिधि में विशेष निगरानी दल गठित किए गए हैं। ये दल लगातार सर्च ऑपरेशन और मॉनिटरिंग कर रहे हैं, ताकि अन्य वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाला जा सके।
वन अधिकारियों ने बताया कि सभी कार्रवाई मानक संचालन प्रक्रिया और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के तहत की जा रही है। पोस्टमार्टम सहित अन्य वैधानिक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, जिससे मृत्यु के कारणों की अंतिम पुष्टि हो सके।
वन विभाग ने आसपास के ग्रामीणों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे जंगल क्षेत्र में अनावश्यक प्रवेश न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। विभाग का कहना है कि यह मामला प्राकृतिक वन्यजीव व्यवहार से जुड़ा प्रतीत होता है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
