रिमझिम बारिश में निकला मां काली का भव्य जुलूस, श्रद्धा और उत्साह का दिखा अनोखा संगम
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले के बिरसिंहपुर पाली में भक्ति और उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब माँ महाकाली उत्सव समिति युवा एकता मंच द्वारा निकाले गए मां काली के भव्य जुलूस में सैकड़ों की भीड़ उमड़ पड़ी। खास बात यह रही कि नगर में शाम से ही रिमझिम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन बूंदाबांदी ने न तो भक्तों के कदम थामे और न ही उनके उत्साह को कम किया। बारिश की फुहारों के बीच मां काली के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
पिछले 23 वर्षों से समिति द्वारा नगर के वार्ड क्रमांक 9, मेला ग्राउंड में मां काली की भाव प्रतिमा स्थापित की जाती रही है। परंपरा के अनुसार इस बार भी आकर्षक श्रृंगार और विशेष सजावट के साथ प्रतिमा स्थापित की गई थी। आभूषणों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजी मां काली की प्रतिमा भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही।
जुलूस मेला ग्राउंड से शुरू होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होकर निकाला गया। ढोल-नगाड़ों, DJ की धुनों और जयकारों के बीच भक्त झूमते-गाते नजर आए।
जुलूस का दृश्य अद्भुत था। बारिश से भीगते हुए भी भक्त मां काली के साथ चलते रहे। कई भक्त तो पूरी तरह भीगकर भी नृत्य करते और मां के जयकारे लगाते नजर आए। लोगों ने इसे मां की कृपा मानते हुए वर्षा को शुभ संकेत बताया।
मां काली का जुलूस जब नगर भ्रमण करता हुआ विसर्जन कुंड पहुंचा तो वातावरण और भी भावुक हो गया। भक्तों ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की और मां को भोग अर्पित किया। इसके बाद पूरे श्रद्धा भाव से मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इस दौरान सैकड़ों की भीड़ मौजूद रही और हर किसी की आंखों में आस्था और भावुकता का अद्भुत संगम झलकता दिखाई दिया।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मां काली का यह उत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बन चुका है। यहां हर वर्ग और हर आयु वर्ग के लोग एक साथ मिलकर भाग लेते हैं। यही कारण है कि बिरसिंहपुर पाली में यह पर्व अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आस्था का महोत्सव बन गया है।