ताला जोन में दिखी बाघिन अपने तीन शावकों के साथ, बांधवगढ़ में पर्यटकों को मिला यादगार नजारा
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीव प्रेमियों के लिए रविवार की सुबह बेहद खास रही। ताला जोन के सिद्ध बाबा क्षेत्र में एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ जंगल में टहलते हुए दिखाई दी। यह दृश्य सफारी पर निकले पर्यटकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं था।
वन विभाग के अनुसार यह बाघिन करीब सात वर्ष की है और सिद्ध बाबा क्षेत्र की प्रमुख बाघिनों में गिनी जाती है। फॉरेस्ट स्टाफ और गाइड्स इसे “सिद्ध बाबा बाघिन” के नाम से पहचानते हैं। उसके तीनों शावक लगभग डेढ़ वर्ष के हैं और अब शिकार करने व क्षेत्र पहचानने की प्रक्रिया सीख रहे हैं। बाघिन अपने बच्चों को स्वतंत्र जीवन के लिए तैयार करने के उद्देश्य से उन्हें जंगल में साथ लेकर घूमती है।
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सूत्रों के मुताबिक रविवार सुबह ताला जोन में सफारी के दौरान जब पर्यटकों की जिप्सी सिद्ध बाबा क्षेत्र से गुजरी, तभी झाड़ियों के बीच हलचल दिखी। कुछ ही क्षण बाद बाघिन बाहर निकली और उसके पीछे तीनों शावक भी नजर आए। यह परिवार करीब दस मिनट तक खुले इलाके में दिखाई दिया, जिसके दौरान पर्यटकों ने तस्वीरें और वीडियो कैद किए। दृश्य इतना रोमांचक था कि पर्यटक उत्साह से झूम उठे।
पर्यटकों ने बताया कि बाघिन और उसके शावक पूरी तरह शांत और सहज थे। उन्होंने सफारी वाहनों की मौजूदगी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इससे स्पष्ट है कि यह बाघ परिवार मानव उपस्थिति का अभ्यस्त हो चुका है।
वन अधिकारियों का कहना है कि सिद्ध बाबा क्षेत्र ताला जोन का अहम इलाका है, जहां बाघों की गतिविधियां लगातार देखी जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में यहां कई बाघों की मूवमेंट दर्ज की गई है। इस बाघिन के तीन स्वस्थ शावकों के साथ देखे जाने से यह संकेत मिलता है कि बांधवगढ़ में बाघों की आबादी स्थिर और संरक्षित है।
बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त निगरानी शुरू कर दी है। ड्रोन और कैमरा ट्रैप की मदद से उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की बाधा या खतरे से उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।
पर्यटकों के लिए ताला जोन पहले से ही सबसे लोकप्रिय सफारी क्षेत्र माना जाता है। अब बाघिन और उसके शावकों की झलक के बाद यहां बुकिंग की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। गाइड्स और ड्राइवरों ने भी इस पल को अपने करियर के सबसे यादगार अनुभवों में गिना।
बांधवगढ़ में इस तरह के दृश्य न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं बल्कि वन्यजीव संरक्षण के महत्व की भी याद दिलाते हैं। बाघिन द्वारा अपने शावकों को जंगल के जीवन के गुर सिखाना प्रकृति की एक अद्भुत झलक है, जिसने एक बार फिर बांधवगढ़ की पहचान को टाइगर किंगडम के रूप में मजबूत किया है।