हक की लड़ाई में अकेली विधवा, जेठ और दबंगों की दरिंदगी से त्रस्त – जानलेवा हमले के बाद भी इंसाफ की बाट जोह रही अर्चना मिश्रा, बोली “मरने के बाद कार्रवाई का औचित्य नहीं”
सीधी ज़िले की रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत कपुरी कोठार की रहने वाली विधवा महिला अर्चना मिश्रा अपने ही रिश्तेदारों और गांव के दबंगों की प्रताड़ना का शिकार बनकर न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। पीड़िता ने अपने जेठ हनुमान प्रसाद मिश्र और उसके पुत्र अनुरूद्ध मिश्रा सहित रामबिहारी पाण्डेय व अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि पति की मौत के बाद संपत्ति हड़पने की नीयत से उसे लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
पीड़िता ने बताया कि 17 मई की रात उस पर जानलेवा हमला हुआ, जिसकी रिपोर्ट रामपुर नैकिन थाने में दर्ज कर ली गई है। महिला का आरोप है कि हमलावरों की यह कार्रवाई एक गहरी साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद उसे बच्चों सहित गांव से बाहर खदेड़ना है। इतना ही नहीं, महिला ने आरोप लगाया है कि उसका जेठ न केवल उसकी संपत्ति पर कब्जा कर चुका है, बल्कि मंदिर और शासकीय तालाब की भूमि पर भी अवैध कब्जा कर वहां असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बना चुका है।
अर्चना मिश्रा का जीवन इस कदर भयभीत हो चुका है कि वह बीते एक सप्ताह से घर के बाहर भी नहीं निकल पा रही। आरोप है कि हनुमान प्रसाद मिश्र हर रात किराए के गुंडों के साथ बैठता है, जो महिला को गालियां देते हैं और हाथ-पांव तोड़ने की धमकी देते हैं। पीड़िता ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा सार्वजनिक की और स्पष्ट कहा कि अगर उसे कुछ हुआ, तो इसके जिम्मेदार वही लोग होंगे जिन्हें वह लगातार चिन्हित करती आ रही है।
शनिवार को अर्चना मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में पिपराव चौकी प्रभारी शेषमणि मिश्रा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता ने कहा है कि “अगर मेरी जान गई तो फिर कार्रवाई का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा, मुझे अभी न्याय चाहिए।”