ट्रेन की टक्कर से भालू की मौत, वन विभाग जांच में जुटा
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले के सामान्य वन मंडल के घुनघुटी परिक्षेत्र में सोमवार तड़के एक दर्दनाक घटना सामने आई। रेल ट्रैक पार करते समय एक भालू ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी।
घटना सोमवार की सुबह लगभग 4 बजे की बताई जा रही है। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले ट्रैक के पास मृत भालू को देखा और इसकी सूचना घुनघुटी वन परिक्षेत्र के अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुन सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने मौके का निरीक्षण किया और भालू के शव को अपने कब्जे में लिया। मृत भालू का शव शहडोल से कटनी रेलखंड पर घुनघुटी स्टेशन के पास पाया गया।
परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुन सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रेन की टक्कर से ही भालू की मौत हुई है। इस घटना की जानकारी तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई। उन्होंने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डॉक्टरों की विशेष टीम को बुलाया गया है, जो मौके पर पहुंचकर भालू का पोस्टमार्टम करेगी। इसके बाद वन विभाग की प्रक्रिया के तहत भालू का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगा कि भालू की मौत के समय उसकी शारीरिक स्थिति कैसी थी और क्या किसी अन्य कारण से भी उसकी हालत प्रभावित थी। फिलहाल सभी परिस्थितियों से यही संकेत मिल रहा है कि यह हादसा ट्रेन की सीधी टक्कर का परिणाम है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, घुनघुटी परिक्षेत्र के जंगलों में वन्य प्राणियों की आवाजाही काफी अधिक रहती है। हाथी, भालू, तेंदुआ और अन्य जंगली जीव अक्सर भोजन और पानी की तलाश में जंगल से निकलकर आसपास के क्षेत्रों तक पहुंच जाते हैं। इस वजह से कई बार उन्हें रेल ट्रैक और सड़कों को पार करना पड़ता है। हाल के वर्षों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं जब ट्रेन या वाहनों की चपेट में आने से वन्य प्राणियों की मौत हुई है।
वन विभाग की टीम ने इस घटना को गंभीर मानते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि भालू किस दिशा से आया था और किस कारण से वह रेल ट्रैक पर देर तक रुका रहा। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या आसपास के क्षेत्र में कोई ऐसा कारण है, जिसकी वजह से जंगली जानवरों की गतिविधियां ट्रैक के पास बढ़ी हैं।
वन अधिकारियों का कहना है कि जंगलों से गुजरने वाले रेल ट्रैक और सड़कों पर वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कई जगहों पर अंडरपास और ओवरपास बनाने की योजनाएं चल रही हैं, ताकि जानवर सुरक्षित तरीके से पार हो सकें। लेकिन जब तक ये व्यवस्थाएं पूरी तरह से लागू नहीं होतीं, तब तक ऐसे हादसों की आशंका बनी रहती है।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि जंगलों से गुजरने वाले मार्गों पर ट्रेन और वाहनों की रफ्तार नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि समय रहते प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में बड़ी चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
फिलहाल वन विभाग की पूरी टीम मामले की जांच में जुटी है। बांधवगढ़ से डॉक्टरों की टीम के पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद भालू के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा और घटना से जुड़ी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
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