BNS law in mp:देशभर में आज 1 जुलाई को नए कानून लागू हो गए हैं जहां पर नए कानून के लिए अब लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है जहां पर अलग-अलग लोगों के द्वारा अलग-अलग जागरूकता अभियान पुलिस के माध्यम से चलाया जा रहा है।
BNS law in mp: इस कानून के तहत 15 बिंदुओं को रखा गया है जहां पर 15 बिंदुओं के माध्यम से आज हम आपको समझाएंगे की इस कानून में आखिर आपको क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होने वाले हैं। इस नए कानून को बीएनएस के तहत रखा गया है जहां पर इसे भारतीय न्याय संहिता के नाम से इसे अब जाना जाएगा।
BNS law in mp: तो आइए अब हम जानते हैं की आखिरी यह नए नियम क्या है जानते हैं 15 बिंदुओं के माध्यम से-:
- नए कानून में अब सभी आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा दर्ज होने के 45 दिन के अंदर होगा पहले सुनवाई के 60 दिन के भीतर तय होंगे।
- इसके अलावा अब दुष्कर्म पीड़िताओं के बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी अब उनके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करी जा सकेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी पड़ेगी।
- भारत सरकार ने तीन नए कानून बनाए हैं जहां तीन नए कानून में संगठित अपराधों और आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। जिसमें राजद्रोह के जगह अब देशद्रोह लाया गया है। साथ ही सभी तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की वीडियो ग्राफी करना जरूरी होगा।
- बची हुई ओवरलैप धाराओं को आपस में मर्ज कर दिया गया है और उन्हें सरलीकृत भी किया गया है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 511 के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराओ को शामिल किया गया है।
- साथ ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया नियम जोड़ा गया है। जिसमे किसी बच्चे को खरीदना और बेचना इसे जघन्य अपराध माना गया है. किसी नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या फिर उम्र कैद प्रावधान बनाया गया है।
- साथ ही शादी का झूठा वादा करने, नाबालिक से दुष्कर्म वा भीड़ के द्वारा पीट कर हत्या करने आदि दर्ज मामले किए जाते हैं। लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निजात के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं बनाए गए थे. लेकिन अब भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किए हैं।
- अब जीरो FIR से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन में प्राथमिक की दर्ज करा सकता है। भले ही वह अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में ना हुआ हो। पर इससे कानून की कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज हो जाएगा।
- इसके अलावा इस नए कानून के अंतर्गत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार के जरिए घटनाओं की रिपोर्ट दे सकता है इससे मामला दर्ज करना आसान और तेजी आएगी पुलिस की तरफ से त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। यानी अब वीडियो साक्ष्य को भी माना जाएगा।
- इसमें कानून में जुड़ा एक हुआ एक दिलचस्प तथ्य यह है की गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में बताने का अधिकार होगा, इसे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत ही उसका साथ मिल सकेगा।
- लेकिन अब इसके अलावा गिरफ्तारी विवरण पुलिस थाने और जिला मुख्यालय के प्रमुखता से प्रदर्शित होगी इसमें गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और दोस्त महत्वपूर्ण सूचना आसानी से ले सकेंगे।
- साथ ही इस कानून में महिलाएं और बच्चों के खिलाफ अपराध की जांच की प्राथमिकता होगी। जहा अब इससे मामले दर्ज किए जाने के 2 महीने के अंदर जांच पूरी होगी। वही नए कानून के अंतर्गत पीड़ितों को 90 दिन के अंदर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार प्राप्त होगा।
- इसके अलावा आरोपी और पीड़ित दोनों अब प्राथमिक की पुलिस रिपोर्ट आरोप पत्र बयान और अन्य दस्तावेज 14 दिन के अंदर ही पाने का अधिकार होगा।
- अब इस नए कानून में महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पताल में निशुल्क उपचार या इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। वही यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यकता चिकित्सा की देखभाल तुरंत मिले।
- इस नए कानून में सभी राज्यों की सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है ताकि गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित हो और कानून प्रक्रिया की विशेष बनी रहे।
- अब अदालते समय रहते न्याय देने के लिए मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के वास्ते अधिकतम दो बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकती हैं।
इसे भी पढ़े :-BNS law:नए कानून के तहत दो थानों में दर्ज किए गए दो मामले
यूट्यूब चैनल मे खबरों को पाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें :- https://youtube.com/@e7live?si=_ra1dL4uV3BwVgYb