भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उठाई आवाज, अब प्रशासन करेगा सच्चाई की पड़ताल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा रेंज में वन विभाग पर गंभीर आरोप लगे हैं। राहगीरों और आम नागरिकों पर फर्जी प्रकरण दर्ज कर उन्हें जेल भेजे जाने की शिकायत सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी धरणेन्द्र कुमार जैन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति का गठन किया है।
कलेक्टर ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं आईएएस अधिकारी अभय सिंह को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। समिति में आईएफएस अधिकारी एवं मंडल प्रबंधक वन विकास निगम उमरिया अमित पटौदी, एसडीओ राजस्व मानपुर टी. आर. नाग और एसडीओ पुलिस मानपुर नागेंद्र सिंह सदस्य बनाए गए हैं। यह समिति पूरे मामले की विस्तृत जांच कर सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों स्थानीय स्तर पर यह मामला तब सुर्खियों में आया जब कई लोगों ने आरोप लगाया कि एसडीओ फॉरेस्ट भूरा गायकवाड़ और उनकी टीम ने राहगीरों को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा। इस पर आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी बढ़ गई।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस मुद्दे को उठाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसके बाद कांग्रेस भी सक्रिय हो गई। बुधवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय कोल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने वन परिक्षेत्र अधिकारी के कार्यालय का घेराव कर विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन सौंपा।
इन विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ा और अब जांच समिति का गठन किया गया है। समिति से अपेक्षा की गई है कि वह आरोपों की सच्चाई सामने लाएगी और यह स्पष्ट करेगी कि वास्तव में राहगीरों और नागरिकों को फर्जी मामलों में फंसाया गया या नहीं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह न केवल आम जनता के अधिकारों का हनन है, बल्कि वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
अब सभी की निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं। सात दिन के भीतर आने वाली यह रिपोर्ट तय करेगी कि मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।
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