Sidhi news:कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जब पूरा देश और प्रदेश आक्सीजन के लिए मारा मारा फिर रहा था, जनता और सरकार दोनों परेशान थी, उस वक्त जिले के अस्पताल में आक्सीजन का खेल चल रहा था। यह हैरान कर देने वाला खुलासा ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। जहां इस अस्पताल में खपत मापदण्ड के अनुसार 1.06 एम टी होना चाहिये जबकि वास्तविक खपत 2.80 एमटी हुई है जो कि 264 प्रतिशत अधिक है। लेकिन इसकी जांच ठंडे बस्ते में जा चुकी है।
Sidhi news:उल्लेखनीय है कि 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में सैकड़ों लोगों ने अपनों को खोया है जिसमें किसी की ऑक्सीजन की कमी से तो किसी ने दवाईयों के अभाव में दम तोड़ दिया। कोविड केयर सेंटर से बाहर आ रही थी तो लाशें बाहर आ रही थी। लेकिन उस समयसिविल सर्जन रहे डॉ डीके द्विवेदी द्वारा ऑक्सीजन के नाम पर जमकर घोटाला किया गया। ऑक्सीजन कितनी आई और कितनी बार्डों में गई व कितनी प्राईवेट अस्पतालों को सप्लाई की गई यह कहीं भी दर्ज नही की गई। जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की हुई रिकार्ड खपत से सब हके-बक्के रह गए और अंदाजा लगाया जाने लगा कि जितने मरीज भर्ती नही हुए उससे ज्यादा ऑक्सीजन की खरीदी कर ली गई इसकी भनक जब अपर संचालक (शिकायत) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को लगी तो उन्होंने तत्काल ऑडिट टीम सीधी भेज दी गई और 5 बिंदुओं पर जिला अस्पताल की ऑडिट की गई जहां खुलाशा हुआ कि सीधी में ऑक्सीजन की वर्तमान खपत मापदण्ड के अनुसार 1.06 एमटी होना चाहिये जबकि वास्तविक खपत 2.80एमटी हुई है जो कि 264 प्रतिशत अधिक है यही नही आक्सीजन सिलेण्डरों का विभिन्न वार्डों में न तो आवक-जावक दर्ज की गई थी। जांच दल ने यह पाया था कि ऑक्सीजन सिलेण्डरों का प्रेशन भी रिकार्ड नहीं किया गया तथा ऑक्सीजन सिलेण्डर आधे से अधिक खाली पाये गये थे वहीं जांच के दौरान कुछ ऑक्सीजन सिलेण्डर प्राइवेट नर्सिंग होम को भी दिये जाना पाया गया जिसकाकोई भी रिकार्ड ऑडिट कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच के दौरान जांच दल ने अभिलेखों का सूक्ष्म परीक्षण उपरान्त यह पाया कि ऑक्सीजन के लिए किये गए भुगतान लगभग 31 लाख रूपये के संबंध में जबाव भी तत्कालीन सिविल सर्जन से पत्र कमांक 3583/दिनांक 02.06.2021 के मांगा गया था किंतु कोई भी जबाव ऑडिट टीम के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया तथा बिना किसी रिकार्डसंधारण एवं जानकारी के आपके द्वारा ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भुगतान कर देना गंभीर वित्तीय अनियमित्ता को दर्शाता है।
31 लाख का किया गया भुगतान
Sidhi news:देश के साथ-साथ पूरा जिला कोविड का कहर झेल रहा था उस दौरान तत्कालीन सिविल सर्जन ऑक्सीजन की खरीदी करने और भुगतान करने में व्यस्त रह गए और मनमाने ढंग से ऑक्सीजन की खरीदी कराकर संबंधित फर्मों को 31 लाख के लगभग का भुगतान बिना रिकार्ड संधारण व बिना जानकारी के कर दिया गया। जबकि जून माह में ही संचालनालय से नोटिस जारी हो गई थी लेकिन नोटिस का जबाव देने की जरूरत डॉ डी.के द्विवेदी द्वारा नही समझी गई थी।
जांच के दौरान आधे से अधिक खाली मिले थे सिलेण्डर
Sidhi news:शिकायत होने पर जांच करने के लिए सीधी पहुंची ऑडिट टीम ने जब ऑक्सीजन से भरे सिलेण्डरों का निरीक्षण किया गया था जहां पाया गया था कि आधे से ज्यादा सिलेण्डर खाली पड़े हुए है और न ही इनका प्रेसन भी रिकार्ड करने की जरूरत समझी गई थी। यही नहीं इनके द्वारा प्राईवेट नर्सिंग होम को भी ऑक्सीजन सिलेण्डर सप्लाई होना बताया गया लेकिन उसका कोई भी रिकार्ड प्रस्तुत कर पाने में भी असफल हुए थे। जिससे साबित हो रहा है कि लाखों का खेल महीने भर के अंदर डॉ डीके द्विवेदी द्वारा कर दिया गया था।