पीएम आवास में खुली सरकारी शराब दुकान, नियमों की अनदेखी से ग्रामीणों में आक्रोश
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
मानपुर जनपद अंतर्गत अमरपुर गांव में सरकारी शराब दुकान खोले जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि आबकारी विभाग ने नियम-कानूनों को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए मकान में ही शराब की दुकान खुलवा दी है। यह न सिर्फ सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस योजना का भी अपमान है, जिसका उद्देश्य गरीबों को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना था।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए आश्रय देने की योजना थी, ताकि वे एक पक्के घर में परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन बिता सकें। लेकिन अमरपुर में उसी आवास में शराब की बिक्री शुरू कर दी गई है। स्थिति यह है कि दिनभर दुकान पर शराबियों की भीड़ लगी रहती है, और शाम होते-होते माहौल बिगड़ने लगता है।
ग्रामीण बताते हैं कि शाम सात बजे के बाद गांव में शराब पीने वालों का झुंड सड़क किनारे और गलियों में दिखाई देता है। महिलाएं और बच्चे डर के साए में रहते हैं। रास्ते से गुजरना मुश्किल हो जाता है क्योंकि नशे में धुत लोग झगड़ा करते हैं, गाली-गलौज करते हैं और कई बार मारपीट की स्थिति भी बन जाती है। क्षेत्र में लगातार असुरक्षा और भय का माहौल बना हुआ है।
लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस विषय में शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आबकारी अधिकारी और स्थानीय प्रशासन दोनों की चुप्पी सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी शराब ठेकेदारों से मिले हुए हैं, इसलिए जानबूझकर नियमों की अनदेखी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, सरकारी शराब दुकान खोलने के लिए आबकारी विभाग के कई दिशा-निर्देश तय हैं। दुकान स्कूल, मंदिर, आवासीय क्षेत्र या सार्वजनिक स्थान से एक निश्चित दूरी पर होनी चाहिए। लेकिन अमरपुर में इन नियमों की खुली अवहेलना की गई है। पीएम आवास जैसी योजना के तहत बने मकान में शराब दुकान चलाना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी बेहद आपत्तिजनक है।
ग्रामीणों का कहना है कि शराब की पैकारी भी गांव-गांव कराई जा रही है। ठेके से बाहर भी अवैध रूप से शराब बेची जा रही है, जिससे युवा वर्ग पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। नशे की लत के कारण क्षेत्र में चोरी-झगड़े जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। महिलाएं खास तौर पर परेशान हैं क्योंकि कई घरों में शराब के कारण कलह और हिंसा की स्थिति बन रही है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आबकारी विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास में चल रही शराब दुकान को तुरंत बंद कराया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
लोगों का कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे अपने गांव में फिर से शांति और सुरक्षा का माहौल चाहते हैं, न कि नशे और भय का वातावरण।
