हरी झंडी के साथ दौड़ी जिप्सियां, खुला बांधवगढ़ का जंगल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
तीन महीने की बंदिशें खत्म होते ही बुधवार की सुबह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का जंगल पर्यटकों के लिए खुल गया। मानसून की बारिश के बाद हरे-भरे पेड़ों से घिरा यह जंगल अपने असली रूप में जब सामने आया तो सफारी वाहनों में बैठे सैलानियों के चेहरे खिल उठे।
रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय, सहायक संचालक दिलीप मराठा और पर्यटन प्रभारी राहुल किरार ने मिलकर कोर गेट को खोला और जिप्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान पर्यटकों का मुंह मीठा कराकर उनका स्वागत भी किया गया।
हर साल की तरह इस बार भी एक जुलाई से रिजर्व को मानसून में बंद कर दिया गया था। इस दौरान जंगल और वन्यजीवों को आराम मिलता है। अब अक्टूबर से जून तक पर्यटक सफारी का आनंद ले सकेंगे।
पहले ही दिन देशी-विदेशी पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ रही। कई सैलानियों ने कहा कि वे महीनों से इस सफर का इंतजार कर रहे थे। खासकर बाघों के दीदार को लेकर उत्साह चरम पर रहा।
इस सीजन में पर्यटकों को बेहतर अनुभव दिलाने के लिए नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं। पार्किंग से लेकर गाइडिंग तक व्यवस्था को और दुरुस्त किया गया है। महिला गाइड्स को भी ट्रेनिंग देकर मैदान में उतारा गया है।
जंगल खुलते ही स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी रौनक लौट आई है। होटल, रिसॉर्ट, गाइड्स और वाहन चालक सभी को रोजगार के मौके मिल रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों की दुकानों और हस्तशिल्प कारोबार को भी सहारा मिलेगा।
विदेश से आए सैलानियों ने बांधवगढ़ की खूबसूरती और यहां की जैव विविधता की जमकर तारीफ की। वहीं क्षेत्र संचालक डॉ. सहाय ने अपील की कि जंगल की मर्यादा और स्वच्छता बनाए रखने में हर कोई सहयोग करे।
तीन महीने के इंतजार के बाद जंगल का यह दरवाजा खुलना पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए बड़ी राहत है। अब अगले आठ महीनों तक बांधवगढ़ की हरियाली, बाघों की गर्जना और जंगल का रोमांच सबको लुभाने के लिए तैयार है।