तुलाई के नाम पर डर और दबंगई, सिलपरी वेयरहाउस में किसान से मारपीट ने खोली अव्यवस्था की पोल
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
जिले के हर्वाह धान उपार्जन केंद्र से जुड़े सिलपरी वेयरहाउस में चल रही कथित मनमानी अब खुलकर सामने आ गई है। धान तुलाई को लेकर एक किसान के साथ हुई मारपीट की घटना ने न सिर्फ वेयरहाउस संचालन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पूरे उपार्जन तंत्र की पारदर्शिता पर भी गंभीर संदेह पैदा कर दिया है। लंबे समय से दबे असंतोष ने अब आक्रोश का रूप ले लिया है।
पीड़ित किसान के अनुसार वह अपनी उपज की तुलाई कराने सिलपरी वेयरहाउस पहुंचा था। इसी दौरान वेयरहाउस संचालक ने तय नियमों से अलग तुलाई के नाम पर अतिरिक्त राशि की मांग की। किसान ने जब इसे गलत बताते हुए पैसे देने से इनकार किया, तो कथित तौर पर संचालक और उसके साथ मौजूद लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की और फिर मारपीट शुरू कर दी। इस हाथापाई में किसान को चोटें भी आईं, जिसके बाद वह बेहद नाराज और मानसिक रूप से आहत नजर आया।
घटना के बाद वहां मौजूद अन्य किसानों में डर और गुस्से का माहौल बन गया। किसानों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार तुलाई, बोरी, लोडिंग और अन्य प्रक्रियाओं के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें की जा चुकी हैं। बावजूद इसके, जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे वेयरहाउस संचालन से जुड़े लोगों के हौसले बढ़ते चले गए।
किसानों का आरोप है कि उपार्जन केंद्र में नियम केवल कागजों तक सीमित हैं। शासन द्वारा तय किए गए शुल्क और प्रक्रियाओं का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। कमजोर और छोटे किसानों को डराया-धमकाया जाता है, जबकि विरोध करने वालों को जानबूझकर परेशान किया जाता है। कुछ किसानों ने यह भी बताया कि आवाज उठाने पर उनका धान देर से तौला जाता है या फिर बार-बार बुलाकर मानसिक दबाव बनाया जाता है।
पीड़ित किसान ने पूरे मामले की लिखित शिकायत संबंधित विभाग और जिला प्रशासन से करने की बात कही है। उसने साफ कहा है कि यदि दोषी वेयरहाउस संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो किसान एकजुट होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
यह मामला एक बार फिर धान उपार्जन केंद्रों की निगरानी और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है। अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस शिकायत को कितनी गंभीरता से लेता है और किसानों को भरोसा दिलाने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
