Kangna ranaut : फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ी, देश की आजादी के विवादित बयान पर एमपी-एमएलए कोर्ट से जारी हुआ नोटिस
Kangna ranaut : अपने बड़बोलेपन और उल जलूल बयानों के कारण चर्चा में रहने वाली फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ सकत है। दरअसल उनके एक विवादित बयान कि हिन्दुस्तान को आजादी भीख मिली है, उस पर जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
Kangna ranaut : दरअसल फिल्म अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद कंगना रनौत ने साल 2021 में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होते हुये भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में सावरकर, लक्ष्मीबाई और नेताजी बोस को याद करते हुये विवादित टिप्पणी कर बैठी। कार्यक्रम में शामिल कंगना ने कहा कि ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए, वे इसे जानते थे। अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में जो आजादी मिली वह आजादी नहीं भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली। बेशक, उन्हें एक पुरस्कार दिया जाना चाहिए। कंगना ने इस बयान को पीएम नरेन्द्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़ने और भाजपा के राज में देश के आगे बढ़ने की ओर इशारा करते हुये कही थी।
हिन्दुस्तान की आजादी पर कि कई इस विवादित टिप्पणी पर विशेष न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में आगामी सुनवाई 5 नवंबर 2024 को नियत की गई है।
अधारताल जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने कंगना रनौत के इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और कोर्ट में खुद अपना पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट में दायर परिवाद में कहा कि साल 2021 में इसे दायर किया गया, जबकि इससे पहले अधारताल थाना में करंगना रनौत के लिखित शिकायत दी गई,जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फिर एसपी जबलपुर को शिकायती आवेदन दिया, जिस पर भी पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। इसके बाद परिवाद दायर किया गया। आपत्ति का मुख्य आधार यही है कि हिन्दुस्तान को आजादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली है, बावजूद इसके अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बयान उन वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कमतर आंकते हुये उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया।
यहॉ तक कह गई कि 1947 में जो आजादी मिली वह आजादी नहीं भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली। जब प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने देश की कमान संभाली। कंगना रनौत का ये बयान देश के लिये कुर्बान होने वालों का अपमान है, लिहाजा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग दायर परिवाद में की गई है।