Mp news : रीवा के गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल (GMH) में फरवरी माह में सामने आए गंभीर लापरवाही के मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां डिलीवरी के लिए भर्ती सात महिलाओं को ब्लैकलिस्टेड एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगाए गए, जिसके कारण पांच प्रसूताओं की याददाश्त चली गई। इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया और जांच समिति गठित की गई।
Mp news : दरअसल, इन इंजेक्शनों को दिसंबर में ही ‘अमानक’ घोषित कर सरकारी पोर्टल पर ब्लॉक कर दिया गया था। बावजूद इसके 25 फरवरी को इन्हें स्टोर से निकाला गया और पांच महिलाओं की डिलीवरी में उपयोग कर लिया गया। इसके बाद महिलाओं की हालत बिगड़ गई, चार की याददाश्त चली गई और दो को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा। गनीमत रही कि बाद में सभी की स्थिति सामान्य हो गई।
गायनी विभाग की डॉ. बीनू सिंह ने बताया कि दवा के रिएक्शन की आशंका जताई गई थी। शुरुआती जांच में ऑपरेशन से पहले दिए गए एनेस्थीसिया इंजेक्शन में गड़बड़ी पाई गई, संभवतः मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट रहा हो।
इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल के स्टोर कीपर प्रवीण उपाध्याय की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उन्होंने प्रतिबंधित इंजेक्शन को “भूलवश” जारी किया था, जिस पर अब उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
Mp news : परिजनों का आरोप है कि इलाज में भारी लापरवाही हुई। एक परिजन विकास केशरवानी ने बताया कि उनकी पत्नी की डिलीवरी के बाद स्थिति बिगड़ी और पहचानने से भी इनकार करने लगी।
फिलहाल सभी महिलाएं और नवजात स्वस्थ हैं, लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि सिर्फ स्टोरकीपर को निलंबित करना ही पर्याप्त है या फिर इस लापरवाही के लिए अन्य जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।