Mp tourism : हिल स्टेशन से कम नहीं दमोह के सिलापरी का यह नजारा, पक्षी अभ्यारण्य बनाने पर्यावरण प्रेमी उठा रहे आवाज।
Mp tourism: दमोह जिले के हटा अनुविभाग की सीमा का अंतिम गांव सिलापरी प्राकृतिक धरोहर को अपने आंचल में समेटे रखे हुए है। यह स्थान किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है। क्योंकि चारों ओर पहाड़ों एवं हरे भरे पेड़ों की हरियाली से घिरे इस स्थान पर पहुंचते ही यह गांव किसी हिल स्टेशन से कम नहीं दिखाई देता है। यदि सरकार इस ओर पर्यटन को बढ़ावा दे तो जिले के लिए एक नई सौगात मिल सकती है।
Mp tourism : जनपद पंचायत हटा की ग्राम पंचायत रजपुरा में आने वाले इस गांव में आज भी आदिवासियों की बाहुल्यता है। गांव की पहड़ियों पर बने शैलचित्र प्राचीनता से रूबरू कराते हैं। यहां 60 फिट ऊंचाई से गिरने वाले झरने एवं नदी सदैव आमजन के साथ जंगली जानवरों और पशु पक्षियों के लिए जीवन दायिनी बनी हुई है। करीब 30 साल पहले ही इस गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा गया है। वर्षा ऋृतु में इस प्राकृतिक स्थल का आनंद लेने के लिए दूर दूर से प्रकृति प्रेमी यहां परिवार के साथ आते है।
यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य एवं संसाधनों को देखते हुए अब पर्यावरण प्रेमी इस स्थल को पक्षी अभ्यारण्य बनाने की आवाज उठाने लगे है।
जिला पंचायत सदस्य मोहनी अभिषेक जैन ने बताया कि सिलापरी में मोर व पक्षी अभ्यारण्य के लिए क्षेत्रीय सांसद से संपर्क करके इस पहल को आगे बढाया जा रहा है। यह प्रदेश का इकलौता अभ्यारण्य होगा जहां मोर के साथ विभिन्न प्रकार के पक्षियों को संरक्षण दिया जायेगा।
हटा विधायक उमादेवी खटीक ने बताया कि सिलापरी में मोर व पक्षी अभ्यारण्य बनाने के लिए इसे मिशन हटा में जोड़ा गया है। यहां पर हजारों की संख्या में लगे पेड़ों पर पक्षी अपने घोंसले बना सकते है, पानी भी पर्याप्त मात्रा में है। चारों ओर पर्वतमाला से घिरे होने के कारण यहां पक्षियों को हर संभव संरक्षण दिया जा सकता है।
पर्यावरण प्रेमी रिटायर्ड डाइट व्याख्याता मनोज जैन ने बताया कि वर्तमान में गिने चुने ही मोर व पक्षी अभ्यारण्य है। वनांचल के इस गांव को यदि मोर व पक्षी अभ्यारण का दर्जा मिलता है तो जीवदया के क्षेत्र में बहुत बड़ा कार्य होगा। साथ ही हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर जो निरंतर कम होते जा रहे है उनके कुनबा को बढाने में यह एक मील का पत्थर साबित होगा। पक्षियों के लिए अनकूल वतावरण भी है।