Mpnews:रसमोहनी में भालू की नाइट ड्यूटी जारी, वन विभाग ‘घटना का इंतज़ार’ मोड में!
Mpnews:शहडोल जिले के दक्षिण वन मंडल अंतर्गत जैतपुर वन परिक्षेत्र का रसमोहनी ग्राम इन दिनों किसी जंगल सफारी से कम नहीं रहा। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां टिकट नहीं कटता, बल्कि डर मुफ्त में बांटा जा रहा है। गांव की बस्ती में एक भालू लगातार सक्रिय है और रात होते ही ऐसा लगता है मानो उसे “नाइट शिफ्ट” का स्थायी आदेश मिल गया हो।
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ग्रामीणों का कहना है कि भालू अब जंगल से निकलकर सीधे बस्ती और बाजार का रूट पकड़ चुका है। रसमोहनी बस्ती में स्थित बाजार की एक किराना दुकान तो मानो उसका फिक्स्ड प्वाइंट बन चुकी है। एक सप्ताह में दो बार उसी दुकान के बाहर भालू महोदय दर्शन दे चुके हैं। सीसीटीवी कैमरे ने भी पूरी ईमानदारी से उसकी हाजिरी दर्ज कर ली, लेकिन वन विभाग के कैमरे शायद अभी ऑन नहीं हुए हैं।
ग्रामीण रामजी गुप्ता बताते हैं कि “काम करने के लिए हम जैसे ही दुकान के बाहर पहुंचे, अचानक भालू आ गया। काम छोड़ जान बचाकर भागना पड़ा।” यानी रोजगार पहले से संकट में था, अब भालू ने ‘वर्क फ्रॉम जंगल’ की सुविधा भी खत्म कर दी।
Mpnews:बीती रात फिर वही कहानी दोहराई गई। भालू बस्ती में घूमता नजर आया। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाकर शोर मचाया और किसी तरह उसे जंगल की ओर खदेड़ा। इसके बाद भी वन विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना देने के बाद भी वन अमला मौके पर पहुंचकर सिर्फ हालात का जायजा लेता है, समाधान नहीं।
हैरानी की बात यह है कि बीते माह केशवाही क्षेत्र में भालू एक महिला को जंगल ले जाकर उसकी जान ले चुका है। इसके बावजूद जैतपुर वन अमला अब भी “सब्र रखिए” नीति पर चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि शायद विभाग किसी बड़ी घटना के बाद ही जागेगा।
रसमोहनी के लोग अब डर और व्यंग्य के बीच जी रहे हैं। गांव में चर्चा है कि अगर यही हाल रहा तो जल्द ही भालू को राशन कार्ड और बाजार में स्थायी ग्राहक घोषित कर दिया जाएगा। फिलहाल सवाल यही है—वन विभाग भालू के जाने का इंतजार कर रहा है या किसी अनहोनी का?
