sidhi news:जिले में मेडिकल संचालन के लिए होंड मची हुई है कारण यह की किराए पर लाइसेंस लेकर धडल्ले से दवाइयां बेचने वालों के खिलाफ जिम्मेवारों की नजर नहीं जा रही है और वह मनमानी तरीके से दवाइयां बेच रहे हैं।
संवाददाता-: अविनय शुक्ला (7723041705)
दवा दुकानों में सभी प्रकार की दवाओं की बिक्री बेरोक टोक की जाती हैं। जबकि ड्रग्स अधिनियम में कुछ दवाओं की बिक्री के लिए शर्तों का निर्धारण किया गया लेकिन यहां किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नहीं किया जाता है। खास बात यह है कि जिले में एक सैकड़ा से अधिक ऐसे मेडिकल संचालित है जिनके पास खुद की फार्मासिस्ट की डिग्री नहीं है। वह अपने सगे संबंधियों की डिग्री किराए पर लेकर धडल्ले से मेडिकल संचालित कर रहे हैं। बता दें कि आज तक यह बात सुनने को भी नहीं मिली की सीधी जिले में भी ऐसे मेडिकल संचालकों के खिलाफकार्रवाई की गई है। जबकि सरकार मेडिकल दुकानों के नियमित निरीक्षण के लिए ड्रग इंस्पेक्टरनियुक्ति की गई है लेकिन यहां पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर सिर्फ वसूली तक ही सीमित है।
जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता निरीक्षण
अप्रशिक्षित नौकर बेच रहे दवा,
Sidhi news:सीधी जिले का इससे बड़ा दुर्भाग्य शायद ही होगा कि जिंदगी के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है और किसी के द्वारा इस ओर कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। बता दें कि मेडिकल दुकानों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की स्थिति यह है कि उन्हें अंग्रेजी भाषा का अच्छी तरह ज्ञान नहीं है और वह मनमानी लोगों को दवा बेच रहे हैं। बताया गया है कि मेडिकल दुकानों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों के पास किसी भी प्रकार की मेडिकल शिक्षा का प्रमाण पत्र नहीं है और मेडिकल चला रहे हैं।
नही होते ड्रग इंस्पेक्टर के दर्शन,
Sidhi news:बता दें कि मेडिकल दुकानों के बेहतर संचालन के लिए सरकार द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की गई जिसके द्वारा समय समय पर इन दुकानों का निरीक्षण कर मनमानी करने वालों के खिलाफ
Sidhi news:कार्यवाही करनी चाहिए लेकिन सीधी जिले में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर निरीक्षण करने तो जाते है।लेकिन कार्यवाही नहीं करते। अब यह सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर इनके द्वारा निरीक्षण किया जाता है तो फिर गड़बड़ी का उजागर क्यों नहीं किया जाता, या फिर इनके निरीक्षण में सब ठीक मिलता है। जबकि जिले के मेडिकल दुकानों में जमकर मनमानी की जा रही है। मेडिकल दुकानों के संचालन में मनमानी की शिकायत आने पर ड्रग इंस्पेक्टर राधेश्याम वही से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाया और न ही बैंक कॉल किया गया।