नगर पालिका पाली ने किया प्रथम दशहरा जुलूस उत्सव का भव्य आयोजन
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
नगर पालिका परिषद पाली द्वारा इस वर्ष पहली बार दशहरा जुलूस उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। वर्षों से चली आ रही परंपरा को नए स्वरूप में प्रस्तुत करते हुए नगर पालिका ने इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली। पहले यह आयोजन कॉलरी प्रबंधन द्वारा किया जाता था, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों से कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पा रहा था। इस बार नगर पालिका ने पहल कर इसे नए जोश और उत्साह के साथ संपन्न कराया, जिसे नगरवासियों ने भी खुले दिल से सराहा।
दशहरा जुलूस का प्रारंभ नवीन निर्माधीन बस स्टैण्ड से किया गया। पूर्व निर्धारित मार्ग के अनुसार जुलूस पुराने बस स्टैण्ड होते हुए सरस्वती स्कूल तक पहुँचा और वापसी में थाना रोड से होते हुए कॉलरी स्टेडियम ग्राउंड पहुँचा। यहीं पर दशहरा महोत्सव का मुख्य आकर्षण रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ।
नगर में जब जुलूस निकला तो जगह-जगह नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने स्वागत किया। बच्चों और युवाओं में भारी उत्साह देखने को मिला। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक झांकियों के साथ जब यह जुलूस गुजरा तो पूरा नगर उत्सवधर्मी वातावरण में डूब गया।
इस जुलूस का सबसे बड़ा आकर्षण बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई झांकियां रहीं। विभिन्न पौराणिक और ऐतिहासिक प्रसंगों पर आधारित इन झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया। श्रीराम-सीता, हनुमान जी, दुर्गा माता और अन्य धार्मिक चरित्रों पर आधारित जीवंत प्रस्तुतियों ने लोगों को देर तक मंत्रमुग्ध रखा। कई झांकियां समाजिक संदेश भी देती नजर आईं।
नगरवासियों ने बच्चों की मेहनत और रचनात्मकता की खूब प्रशंसा की। दर्शकों का कहना था कि इस तरह की झांकियां न केवल परंपराओं को जीवित रखती हैं बल्कि आने वाली पीढ़ी को संस्कृति से भी जोड़ती हैं।
नगर पालिका की इस पहल को स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने सकारात्मक कदम बताया। नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष बबलू खंडेलवाल ने बताया कि नगर पालिका की बैठक में इस विषय पर प्रस्ताव रखा गया था। सभी सदस्यों ने एकमत होकर सहमति दी और निर्णय लिया गया कि दशहरा जुलूस उत्सव का आयोजन नगर पालिका की ओर से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से नगरवासी इस आयोजन का इंतजार कर रहे थे और इस बार नगर पालिका ने इसे साकार कर दिया।
कॉलरी स्टेडियम ग्राउंड में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। मैदान में रावण का विशाल पुतला खड़ा किया गया था। जैसे ही भगवान श्रीराम के स्वरूप ने धनुष से बाण चलाकर रावण का वध किया, पूरा मैदान जयकारों से गूंज उठा। आतिशबाजी ने माहौल को और भी रोशन बना दिया। बच्चों और बुजुर्गों ने बड़े उत्साह से इस क्षण को देखा और अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया।
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इस आयोजन ने न केवल दशहरा पर्व की परंपरा को पुनर्जीवित किया बल्कि नगर में सामाजिक और सांस्कृतिक एकजुटता का संदेश भी दिया। वर्षों बाद नगर पालिका की पहल से लोगों को वह उत्सवी माहौल फिर से महसूस हुआ जो पहले कॉलरी प्रबंधन के समय देखने को मिलता था।
स्थानीय नागरिकों का कहना था कि ऐसे आयोजनों से नगर की पहचान और गौरव दोनों बढ़ते हैं। लोगों ने नगर पालिका से यह आग्रह भी किया कि आने वाले वर्षों में इस परंपरा को और अधिक भव्यता के साथ जारी रखा जाए।
पाली नगर पालिका द्वारा आयोजित प्रथम दशहरा जुलूस उत्सव नगरवासियों के लिए यादगार बन गया। झांकियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रावण दहन के साथ नगर में उत्सव का अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस पहल से न केवल दशहरा पर्व को नए आयाम मिले बल्कि नगर पालिका ने यह भी साबित किया कि सामूहिक सहयोग और उत्साह से किसी भी परंपरा को नई ऊर्जा दी जा सकती है।