महिला सशक्तिकरण की पहचान,बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में महिला गाइड्स का रिफ्रेशर ट्रेनिंग सम्पन्न
उमरिया तपस गुप्ता (7999276090)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व केवल बाघों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहां महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल भी देखने को मिलती है। इसी कड़ी में विगत सप्ताह बांधवगढ़ जंगल लॉज, ताला में दो दिवसीय महिला गाइड्स रिफ्रेशर ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 26 महिला गाइड्स ने भाग लिया।
इस विशेष प्रशिक्षण का संचालन प्रसिद्ध नेचर एजुकेटर और ट्रेनर सुश्री रतना सिंह ने किया। गाइडिंग और नेचर एजुकेशन में कई दशकों का अनुभव रखने वाली रतना सिंह ने प्रतिभागियों को न केवल गाइडिंग के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी बल्कि पर्यटकों से संवाद करने की प्रभावी तकनीक भी सिखाई। प्रशिक्षण का आयोजन टाइगर रिसोर्ट्स संस्था द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गाइड्स को आने वाले पर्यटन सत्र के लिए तैयार करना था। इसमें पिछले सत्रों के प्रमुख विषयों की पुनरावृत्ति की गई और साथ ही गाइडिंग तकनीकों, संवाद कौशल और पर्यटकों को बेहतर अनुभव दिलाने के पहलुओं पर विशेष जोर दिया गया।
मैदानी प्रशिक्षण से बढ़ा आत्मविश्वास
प्रशिक्षण का सबसे आकर्षक हिस्सा मैदानी सत्र रहा। इसमें प्रत्येक महिला गाइड को मौके पर अपनी सीखी हुई तकनीक का प्रदर्शन करने का अवसर दिया गया। गाइड्स ने बारी-बारी से पर्यटकों की भूमिका निभाने वाले प्रशिक्षकों को जंगल की जानकारी दी और अपने तरीके से गाइडिंग प्रस्तुत की। इस दौरान प्रशिक्षक रतना सिंह और अन्य विशेषज्ञों ने तुरंत रचनात्मक फीडबैक दिया। प्रतिभागियों ने इसे बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक बताया।
प्रमाणपत्र वितरण और आभार
कार्यक्रम के समापन पर सभी महिला गाइड्स को “पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट” वितरित किए गए। यह प्रमाणपत्र टाइगर रिसोर्ट्स और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संयुक्त तत्वावधान में दिया गया। वहीं बांधवगढ़ प्रबंधन की ओर से ताला वन परिक्षेत्र अधिकारी ने सुश्री रतना सिंह को समय, ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
महिला सशक्तिकरण की नई राह
बांधवगढ़ में गाइडिंग क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आज पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। पारंपरिक रूप से यह कार्य पुरुषों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब महिला गाइड्स पर्यटकों को न सिर्फ जंगल की रोमांचक झलक दिखा रही हैं बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
बांधवगढ़ प्रबंधन का कहना है कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाते रहेंगे ताकि गाइड्स का आत्मविश्वास और दक्षता दोनों बढ़ें। यह पहल आने वाले समय में न केवल पर्यटन को मजबूती देगी बल्कि क्षेत्र की महिलाओं के लिए सम्मानजनक अवसर भी प्रदान करेगी।