Sidhi news: मध्य प्रदेश की सीमा पर हाथियों का दल आ चुका है जिसके बाद पूरे सीधी जिले में दहशत का माहौल देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ की सीमा से हाथियों का दल करीब दो हफ्ते पहले सीधी पहुंचा। इसके बाद ग्रामीण परेशान है और इसकी सूचना वन विभाग के टीम को दी है जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर इन्हें वनों के अंदर भेजने की कोशिश कर रही है। हाथी खाने पीने की लालच में गांव की तरफ रुख कर रहे हैं। खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं इसके अलावा जान माल को भी जोखिम हो सकता है।
Sidhi news:इसके लिए वन विभाग की टीम पूरी तरह से अलर्ट है और वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को लगातार सूचना दे रही है। जहां आज सोमवार की सुबह 4 बजे 18 हाथियों का एक बड़ा दल वस्तुआ रेंज से होते हुए पोड़ी रेंज की तरफ मूव कर गया। इसके बाद पोड़ी रेंज से सटे हुए गांव के लोगों को अलर्ट जारी कर दिया गया है और उन्हें सूचना दे दी गई है। साथ ही जंगल की सीमा पर लोगों को न जाने की अपील भी की।
एक जगह स्थिर नहीं रहता हाथियों का दल
Sidhi news:हाथी स्वच्छंद विचरण करने वाला जानवर है और ग्रुप में वह और भी अधिक आक्रामक हो जाता है। वह केवल एक रेंज तक सीमित नहीं है। वह कभी वस्तुऑ रेंज तो कभी पोड़ी रेंज और कभी दुबरी रेंज की तरफ मूव करता है। कभी-कभी दोनों रेंज में एक साथ सुबह और शाम आ जाता है। जिसकी वजह से उनकी मॉनिटरिंग करना मुश्किल काम हो रहा है। सही समय पर जानकारी भी वन विभाग की टीम या ग्रामीणों को नहीं मिल पाती है। इस दल में कभी कभार हाथी पीछे रह जाते हैं और वह अपने दल की खोज में गांव की तरफ भी चले जाते है हैं।
निगरानी रख रहा है वन विभाग
Sidhi news:वही वन विभाग के संजय टाइगर रिजर्व की टीम लगातार हाथियों के इस मूवमेंट पर नजर बना कर रखी हुई है। वन विभाग जंगली जानवर और इंसानों में समन्वय करने की कोशिश कर रहा है ना तो जंगली जानवर की वजह से इंसानों को खतरा हो और ना ही इंसानों की वजह से जंगली जानवरों को कोई नुकसान पहुंचे इसका ध्यान रख रहा है।
Sidhi news:वहीं पूरे मामले को लेकर सीसीएफ अमित दुबे ने जानकारी देते हुए बताया है कि हाथियों का दल मध्य प्रदेश की सीमा पर जरूर आया है लेकिन अभी तक उसने किसी भी प्रकार के जान माल के नुकसान नहीं की है। कुछ किसानों की फसल जरूर उनके चलने की वजह से बर्बाद हुई है। लेकिन किसी भी व्यक्ति या अन्य जानवर को चोट नहीं आई है। हम लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं और अरे ऐसी इलाकों में हाथियों के दल ना जाए इसकी कोशिश कर रहे हैं।