Sidhi news:50 किमी दूर से कॉलेज आ रहीं छात्राएं, बसों में नहीं मिलती सीट, होती है परेशानी
Sidhi news:जिले के एक मात्र गर्ल्स कॉलेज में 2 हजार के करीब छात्राओं की संख्या पहुंचने के बाद अब तक यहां बस या अन्य वाहन व्यवस्था नहीं की जा सकी है। ऐसे में 50 किमी दूर तक से आने वाली छात्राएं कैसे कॉलेज का सफर पूरा करती है, यह जानने के लिए उनका मन जानने का प्रयास किया। जिसमें काफी तकलीफ भरे सफर और इस दौरान के शर्मनाक वाक्या सामने आए हैं। जिसमें बस में लड़कियों को सीट नहीं मिलने, खड़े खड़े यात्रा करने और यात्रा के दौरान जाने-अनजाने में बेड टच जैसी बातें सामने आई है।
Sidhi news:गर्ल्स कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं में 60 प्रतिशत छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों की बताई जाती है, जो कि जिले की चारों दिशाओं में बसे गांवों से यहां अध्ययन करने आती है। छात्राओं को कॉलेज तक आने-जाने के लिए किसी भी प्रकार के परिवहन की सुविधा नहीं है। ऐसे में 10 से 12 किमी दूर रहने वाली छात्राएं ऑटो, टैक्सी से कॉलेज पहुंचती है, जबकि 15 से 50 किमी तक दूर की छात्राएं आम बसों से कॉलेज आती-जाती है। जिसका उनको पूरा किराया भी देना पड़ता है।
आम बस में सफर करना नहीं है आसान
Sidhi news:छात्राओं के अनुसार बसों में उसे सीट नहीं दी जाती है। यदि बस खाली है और सीट पर बैठ भी जाओ तो अन्य सवारी आने पर उन्हें उठा दिया जाता है। कई बस चालक तो उन्हें बैठाने से भी परहेज करते हैं। सबसे बड़ी समस्या तब होती है, जब बस में तूस-दूस कर सवारियां भरी होती है। इसके अलावा बस में खड़े होने के दौरान भी अन्य यात्री जाने अनजाने में बेडटच करने भीपीछे नहीं हटते हैं। ऐसे में हमारे पास बर्दाश्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता है। इस तरह की परेशानियों से छात्राओं को जूझना पड़ता है।
कॉलेज 4.30 तक, 2 बजे ही निकलना मजबूरी
Sidhi news:महुआगांव, कुसमी, सरई, पौडी जैसे गांवों से आने वाली छात्राओं ने बताया कि कॉलेज की टाइमिंग 4.30 बजे तक है, लेकिन वह 2 बजे ही कॉलेज से निकल आती है, जिसका कारण है 2.20 पर उनकी बस होती है। यदि यह बस उन्हें नहीं मिलती है, तो आगे बस नहीं होती है। ऐसे में वह पूरी पीरियड की पढ़ाई भी नहीं कर पाती हैं।
बेटियों की मांग, हमें भी बस चाहिए
Sidhi news:कॉलेज की छात्राओं ने कहा कि प्रधानमंत्री एक्सीलेंस पीजी कॉलेज में बस सुविधा शुरू हो चुकी हैं। हम छात्राएं भी सरकारी कॉलेज में ही पढ़ रहे हैं, लेकिन हमारे लिए शासन ने अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं दी है, जबकि सबसे ज्यादा परेशानी हमे ही होती है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक और कलेक्टर से आग्रह करना चाहती हूं कि छात्राओं की समस्याओं को देखते हुए बसों का संचालन किया जाए।