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Sidhi news:प्राईवेट कोचिंग की मनमानी पर प्रशासन की नही है नजर

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:बिना पंजियन के संचालित है सैकड़ों कोचिंग सेंटर

जिले में बिना पंजियन के कोचिंग सेंटर संचालित करने की होड़ मची है। जिला मुख्यालय समेत कस्बाई क्षेत्रों में सैकड़ों कोचिंग सेंटर नियमों के विरूद्ध संचालित हो रहे है। जिनकी जांच करने की आवश्यकता तक प्रशासन द्वारा नही समझी जा रही है। लिहाजा मनमानी शुल्क लेकर कोचिंग सेंटर के संचालकों द्वारा पठन-पठन के नाम पर औपचारिकता का निर्वहन किया जा रहा है।

Sidhi news:शहर में कई कोचिंग सेंटरो द्वारा बाहर से विशेषज्ञों का मार्गदर्शन दिलाने के नाम पर मोटी शुल्क वसूला जाता है। यहां तक कि नौकरी के संबंध में भी कई कोचिंग सेंटर लंबे समय से संचालित हो रहे हैं। जिनमें पढ़ने के बाद भी संबंधित विद्यार्थियों को कोई लाभ नहीं मिलता। जिले में शिक्षा की व्यवस्था सुदृढ़ी करण, निजी ट्यूसन, कोचिंग केन्द्रों के नियमों का खुलेआम उल्लंघन होने के बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं

समझी जा रही है। जिसके चलते शहर के ज्यादातर गलियों में कोचिंग सेंटरों का संचालन बेखौफ होकर किया है। जा रहा सेंटर संचालकों द्वारा ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने के लिये तरह-तरह के झूठे प्रलोभन दिये जा रहे है।

Sidhi news:तत्संबंध में चर्चा करते हुये कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि सीधी शहर में करीब पांच वर्षों के अंदर ही सैकड़ों कोचिंग सेंटर संचालित हो चुके है। ज्यादातर कोचिंग सेंटर कई पालियों में संचालित हो रहे है। इनमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिये अलग व्यवस्था की गई है जबकि कालेजी विद्यार्थियों के लिये विशेष व्यवस्थाओं का दात्रा किया जा रहा है। कोचिंग सेंटरों में साल भर पढ़ने के बाद भी ज्यादातर विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं रहता। जबकि उनके अभिभावकों द्वारा कोचिंग सेंटर संचालकों को मुंहमांगी शुल्क का भुगतान किया जा रहा है।

जिला मुख्यालय में ही नजर दौड़ाई जाए तो यहां कई तरह की कोचिंग क्लासेस संचालित हो रही है। कुछ ऐसी भी कोचिंग चल रही हैं जिनके द्वारा जल्द ही इंग्लिश बोलने की गारंटी मौखिक तौर पर दी जाती है। यहां एडमिशन लेने के बाद मालूम पड़ता है कि सालों फीस देने के बाद भी स्पष्ट रूप से इंग्लिश बोलना एवं समझना नहीं आ पाता। प्रशासन की अनदेखी के चलते सीधी जिले में कोचिंग सेंटर एक अवैध कारोबार का रूप ले चुका है। जिसे समय रहते नही रोंका गया तो इस भंवर जाल में विद्यार्थी फर्सते रहेगें।

जिले में बेअसर है मनमानी पर कार्रवाई

Sidhi news:शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था के सुदृढीकरण, सुदृढ़ीकरण, निजी ट्यूशन, कोचिंग सेंटरों के नियमन के संबंध में कार्रवाई के प्रावधान किये गये है। यदि बिना प्रशासन की अनुमति एवं पंजियन तथा संसाधन के कोई भी ट्यूशन, कोचिंग सेंटर संचालित होते मिले तो उनके विरूद्ध दाण्डिक कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंध में कार्रवाई का अधिकार अपने- अपने क्षेत्रों में एसडीएम राजस्व को है। एसडीएम द्वारा अपने क्षेत्र में संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर संचालकों को नोटिस जारी कर ट्यूशन एवं कोचिंग सेंटर संचालन के संबंध में संबंधित रिकाडों की जांच पड़ताल कर सकते हैं। जांच के दौरान यदि संबंधित ट्यूशन एवं कोचिंग सेंटर संचालक के पास प्रशासन की अनुमति, पंजियन तथा जरूरी संसाधनो का अभाव है तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जा सकती है। विडंबना यह है कि सीधी जिले में कोचिंग सेंटर संचालकों की मनमानी की कभी भी न तो जांच होती और न ही यहां चल रहे लूट-खसोट पर कोई कार्यवाही की जाती है। इसी के चलते कोचिंग सेंटर संचालक एक स्थान के अलावा अन्य स्थानों पर भी बोर्ड लगाकर अपना संचालन शुरू कर देते हैं। इनके लिए न तो कोई शुल्क लेने का निर्धारण है और न ही इतनी पढ़ाई कराएंगे। इस संबंध में स्पष्ट जानकारी दी जाती है।

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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