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Sidhi news:करगिल तालाब के पास निकला हुआ था मगरमच्छ,वन विभाग की टीम ने किया रेस्क्यू

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news: सीधी शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर करगिल के तालाब से आज वन विभाग एवं सोन घड़ियाल की टीम ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू किया। यह मगरमच्छ अभी छोटा था और उसकी लंबाई करीब डेढ़ फीट थी। महिला स्व सहायता समूह जिसके द्वारा करगिल तालाब में मछली पालन किया जा रहा है। आज सुबह समूह द्वारा जाल के माध्यम से तालाब से जाल के माध्यम से मछली निकलवाई जा रही थी। उसी दौरान जाल में छोटा मगरमच्छ भी फंस गया। जब समूह द्वारा तालाब के पानी से जाल को वाहर खिंचवाया जा रहा था तो किनारे आते ही छोटे नगरमच्छ के फंसने की जानकारी मिली। जिसके बाद फोन के माध्यम से वन विभाग सीभी के रेस्क्यू टीम प्रभारी पंकज मिश्रा को सूचना दी गई।

Sidhi news: श्री मिश्रा अपनी टीम एवं सोन घड़ियाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तालाब के किनारे जाल में उलझे हुए छोटे मगरमच्छ को काफी सावधानी के साथ बाहर निकाला। जाल से मगरमच्छ को निकालते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि मगरमच्छ के मुंह जिसमें जाल फंसा हुआ था कोई श्वति न पहुंचे। मगरमच्छ के सुरक्षित रेस्क्यू होने के बाद वहां मौजूद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वन विभाग रेस्क्यू टीम प्रभारी पंकज मिश्रा ने बतायाकि नन्हा मगरमच्छ करीब दो वर्ष का है। बाद में वहां मौजूद मां काली स्व सहायतासमूह करगिल की अध्यक्ष रामकली रजक ने बताया कि मगरमच्छ के तालाब में होने से उनकी पाली गई मछलियों की काफी क्षति हुई है। तीन हेक्टेयर के तालाब में अभी जुलाई महीने में 1 लाख का कर्ज लेकर मछली पालन के लिए समूह के माध्यम से बीज डाला गया था। लेकिन तालाब के अंदर मगरमच्छ के होने के कारण उनकी पाली गई मछलियां धीरे-धीरे करके मगरमच्छ का ग्रास बन रही थीं।

करगिल तालाब में और भी हैं छोटे मगरमच्छ

Sidhi news:करगिल तालाब में आज एक छोटे मगरमच्छ के मछली जाल में फंसकर बाहर आने पर मौके पर पहुंची वन एवं सोन घड़ियाल अभ्यारण्य की रेस्क्यू टीम को ग्रामीणों ने बताया कि तालाब के अंदर अभी अन्य छोटे मगरमच्छ भी हैं। कुछ लोगों ने दावा किया कि यहां तीन-चार मगरमच्छ देखे गए हैं। ऐसे में अभी तालाब के अंदर और भी छोटे मगरमच्छ मौजूद हैं। ग्रामीणों ने रेस्क्यू टीम से आग्रह किया कि तालाब में जाल लगाकर यहां मौजूद अन्य छोटे मगरमच्छों को पकड़ा जाए। यह मगरमच्छ आगे चलकर गांव के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

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