Sidhi news : डीईओ की मनमानी से बिगड़ी स्कूलों की सूरत
कार्यालय में अटैच है शिक्षक, पठन-पाठन ठप्प-अनुरक्षा मद घोटाले को लेकर चर्चा में आये थे प्रेमलाल।
संवाददाता अभिनय शुक्ला
Sidhi news : सीधी जिले के सरकारी विद्यालयों की व्यवस्था दिनो दिन बदतर होती जा रही है। कलेक्टर व डीईओ का ध्यान पठन-पाठन व्यवस्था पर नही जा रहा है। जिसके चलते यह स्थिति देखने को मिल रही है। बताया गया है कि शासकीय विद्यालयों में पदस्थ दर्जनों शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर रखा गया है जो विद्यालय में शिक्षण कार्य से मुक्त होकर वहां राजनीतिक खिचड़ी पका रहे है।
उल्लेखनीय है कि जिले के शासकीय विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था लगातार बेपटरी होती जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी जहां निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर रहे है वहीं कहने को तो डीईओ भी निरीक्षण में निकलते है लेकिन उन्हे विद्यालयों के पठन-पाठन में आ रही अड़चनों से सरोकार नहीं रहता। सूत्र बताते है कि जिले में एक दर्जन से अधिक ऐसे शक्षक है जिन्हे जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अकारण संला किया गया है जिनका डीईओ कार्यालय में भी कोई कार्यनहीं है बावजूद इसके वह डीईओ से सेटिंग जमाकर यहां जमे हुए है। इस संबंध में कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित समाजसेवियों ने लिखित व मौखिक रूप से जिलाशिक्षा अधिकारी को सूचित कर चुके है बावजूद इसके अकारण संलग्र शिक्षकों को विद्यालयों के लिए भारमुक्त नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे।
Sidhi news : विद्यालयों से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ती कराकर पठन-पाठन व्यवस्था की नाव हांक रहे है लेकिन विषय विशेषज्ञ के नाम पर पदस्थापना वाले शिक्षकों को अटैचमेंट से मुक्त नहीं किया जा रहा है ऐसे में शासकीय विद्यालयों में पड़ने वाले छात्रों का भविष्य चौपट होता जा रहा है।
जमकर की जा रही मनमानी
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सीधी में एक दर्जन से अधिक ऐसे शिक्षक संलग किये गए है जिनकी कार्यालय में उपयोगिता नही समझी जा रही है। यही नहीं यह सिर्फ डीईओ कार्यालय पहुंचकर अपनी हाजिरी लगाकर रफूचक्कर भी हो जाते है। विभागीय सूत्रों की माने तो कलेक्टर अगर संलग्र शिक्षकों के संबंध में निरीक्षण के दौरान उपस्थित पंजी के अनुसार कर्मचारियों की संख्या का अवलोकन किया आय तो इसकी पोल खुल जायेगी।
अनुरक्षा मद हो गया हजम
हाई स्कूल व हायर सेकण्ड्री भवलों के रंग रोदन व रख रखाव के नाम पर स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा अनुरता मद के जाम पर प्रत्येक विद्यालय के हिसाब से 3 लाख रुपये जारी किये गए थे इस मद में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है यहां 90 फीसदी कार्य डीईओ व मातहतों ने अपने सागिदों को ठेका प्रथा में सौंप दिया गया था जिनके द्वारा महज लाख 50 हजार रूपये खर्च कर उक्त कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया जबकि जमीनी हकीकत यह है कि जिस उद्देश्य से यह राशि भेजी गई थी उसकी पूर्ति राशि खर्च होने के बाद भी नहीं हो सकी है। इस पूरे भ्रष्टाचार में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ प्रेमलाल मिश्रा की भूमिका अहम बताई जा रही है।
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