Sidhi news:टाटा कॉलेज में आज से दो दिवसीय संगीत एवं नृत्य महोत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा से सबका मन मोह लिया। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय कला, साहित्य, संगीत और नृत्य की समृद्ध परंपरा को मंच प्रदान करना और युवाओं को इससे जोड़ना है। महोत्सव के पहले दिन मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध सांस्कृतिक चिंतक फरिन शेखर उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, संगीत और नृत्य सिर्फ कला नहीं, आत्मा की अभिव्यक्ति हैं। युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़ना चाहिए और इन्हें आत्मसात करना चाहिए।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर आर.बी. सिंह द्वारा की गई।
Sidhi news:उनके मार्गदर्शन में यह आयोजन अपनी ऊँचाइयों को छू रहा है। विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. रचना राजे ने भी छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी रचनात्मक क्षमताओं को पहचान पाते हैं। कार्यक्रम के दौरान कई विषयों पर विद्वानों द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए। साहित्य और संगीत पर चर्चाकार के रूप में श्री अमित तिवारी ने कहा कि साहित्य और संगीत आत्मा के दो स्वर हैं, जो व्यक्ति को भीतर से जोड़ते हैं। भारतीय नृत्य शैलियों पर श्रीमती मधु सिंह ने विद्यार्थियों को लोकनृत्य की विविधताओं से परिचित कराया। भारतीय लोक नृत्य पर अरविंद पटेल ने विस्तार से चर्चा की और इसे भारतीय समाज की आत्मा बताया। भारतीय लोक संगीत पर श्रीमती दीपकांति पांडे ने अपने विचार रखे और लोकसंगीत की विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
Sidhi news:पहले दिन की भांति दूसरे दिन भी इस आयोजन की अध्यक्षता आर.बी सिंह द्वारा की जाएगी। कॉलेज प्रशासन, शिक्षक गण और छात्रों की टीम इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। छात्रों ने भी बड़ी संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को यादगार बना दिया। टाटा कॉलेज में आयोजित यह महोत्सव विद्यार्थियों के लिए न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह उनके सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास का भी सशक्त मंच बनकर उभरा है।