Sidhi news:कागजों में कराई जा रही नहरों की सफाई
Sidhi news:जिले में कृषि सीजन के दौरान भी जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता के चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता। लिहाजा किसान खेतों में पानी पहुंचाने के लिए काफी परेशान रहते हैं। ऐसा ही हाल विकासखंड कुसमी क्षेत्र के सिंचाई बांधों एवं उनसे जुड़ी नहरों का है। भगवार क्षेत्र के कोडार बांध, भुईमाड़ के देवरी बांध, जूरी बांध, बकिया, बरचर बांध क्षेत्र से सिंचाई के लिए एक पखवाड़े में पानी की जरूरत पड़ेगी। सैकड़ों किसानों ने बताया कि स्थिति यह है कि रबी सीजन में खेती-किसानी का कार्य एक पखवाड़े बाद शुरू हो जाएगा। स्थिति यह है कि बाधों की जो नहर है वह जगह-जगह से पटी हुई हैं। ऐसे में खेतों तक पानी कैसे पहुंचेगा इसको लेकर किसानों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। जब इस संबंध में सिंचाई बांध की व्यवस्था देख रहे अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना है कि खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए माइनर नहरों की मरम्मत एवं सुधार कार्य होना जरूरी है। यह कार्य कब तक होगा इसको लेकर संबंधित अधिकारी लगातार गोलमाल जवाब दे रहे हैं। हकीकत यह है कि जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों द्वारा नहर सफाई एवं मरम्मत के नाम पर लाखों का बजट फर्जी तौर पर पहले खर्च किया जा चुका है। अब उन्हें इंतजार है कि पानीकी मांग के लिए किसान लगातार आवाज उठाए जिसके बाद आनन-फानन में नहरों में पानी छोड़ दिया जाये। उस दौरान किसानों को सिंचाई पानी की काफी आवश्यकता होगी इस वजह से जहां नहर पटी हुई है किसान अपने से वहां का सुधार कार्य स्वयं कर लेंगे। किसानों को तो हर हाल में खेत तक पानी लेजाना है। जहां की माइनर नहर में मिट्टी पटी हुई है किसान जरूरत पड़ने पर स्वयं वहां खुदाई कर साफ करेंगे। बाद में यही इंजीनियर नहर मरम्मत एवं सफाई के नाम पर करोड़ों का गोलमाल पूर्व की तरह इस बार भी कर लेंगे। उनके द्वारा समय से पूर्व मुख्य नहर एवं माइनर नहरों की सफाई एवं जहां क्षतिग्रस्त है वहां मरम्मत का काम कराने में लापरवाही बरती जा रही है। संबंधित अधिकारी दिसंबर माह में नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी निर्धारित करके अभी पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं। जब बोनी का काम पिछड़ने लगेगा उस दौरान नहर में पानी छोड़ा जाएगा।
हर वर्ष नहर सफाई न होने से होती है दिक्कतें
Sidhi news:विकासखंड कुसमी क्षेत्र के सिंचाई बांधों से जरूरत के समय खेतों तक पानी न पहुंचने की समस्या से हर वर्ष किसानों को लम्बे समय तक परेशान होना पड़ता है। स्थिति यह है कि किसानों को समय पर पानी नहीं दिया जाता। जब काफी आवश्यकता बढ़ जाती है उसी दौरान आनन-फानन में बांध से पानी छोड़ दिया जाता है। उस दौरान किसानों को स्वयं अपने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए पटी हुई नहरों की सफाई एवं मरम्मत करना पड़ता है। किसान चाहते हैं कि समय पर मिट्टी से पटी नहरों की विभाग द्वारा सफाई एवं मरम्मत करा दी जाय लेकिन जिम्मेदार अभी सिर्फ समय व्यतीत करने में लगे हुए हैं। बाद में उनके द्वारा फर्जी बिल व्हातचर लगाकर नहर सफाई एवं मरम्मत का बजट हजम कर लिया जाएगा। स्थिति यह है कि कई उपयंत्री एवं एसडीओ जितने क्षेत्र की नहर नहीं है उससे कई गुना क्षेत्र में सफाई एवं मरम्मत करना दर्शा देते हैं।
जिले के अन्य क्षेत्रों की नहरों का हाल-बेहाल
Sidhi news: जिले के कई क्षेत्रों में खेती-किसानी के लिए सिंचाई बाध से नहरों के माध्यम से किस्सनों के खेतों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था सरकार द्वारा बनाई गई है। नहरों के संधारण की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों के ऊपर है उनके द्वारा स्त्री सीजन की खेती किसानी के पूर्व नहरों की साफ-सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया जाता है। लाखों की राशि नहरों की साफ-सफाई एवं मरम्मत के नाम पर खर्च कर दी जाती है। बाद में जरूरत के समय आनन-फानन में क्षतिग्रस्त नहरों में ही पानी छोंद दिया जाता है। उस दौरान किसान भी खेतों में जल्द से जल्द पानी पहुंचाने के लिए अपने से क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत जगह-जगह करते हैं और मलबे से पटी नह की साफ-सफाई का काम भी करते हैं। जिले में बाणसागर, महान समेत अन्य सिंचाई बांधों से जुड़ी नहरों की स्थिति कई जगहों में ठीक नहीं है। जिनकी साफ-सफाई एक मरम्मत को लेकर जिम्मेदार अधिकारी अभी लापरवाह बने हुए है। वर्तमान में खरीफ सीजन की फसलों की कटाई एवं गहाई का काम तेजी से चल रहा है। एक पखवा में किसानों को खेतों को बोनी से पूर्व पलेवा लगाने के लिए पानी की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में समय से पूर्व नहरों की व्यवस्था को बनाने में जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह से लापरवाह नजर आ रहे हैं।