---Advertisement---

Sidhi news: सोन नदी के विभिन्न घाटों से रेत की हो रही अवैध निकासी

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

Updated on:

---Advertisement---

Sidhi news: ठंड बढ़ने के साथ अवैध उत्खनन में आई तेजी

संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)

Sidhi news: जिले में सोन घड़ियाल अभ्यारण्य के चर्चित घाटों से ठंडक की शुरुआत होते ही रात में फिर से रेत के अवैध उत्खनन में तेजी आ रही है। रेत का यह अवैध उत्खनन सोन नदी के विभिन्न तटों से क्षेत्रीय रेत माफिया द्वारा किया जाता है। माफिया को ग्रामीण क्षेत्रों के सभी अंदरूनी रास्तों की जानकारी होने के कारण उनके द्वारा सोन नदी के तटों में शाम ढलने के बाद से ही रेत का अवैध उत्खनन शुरू करा दिया जाता है। यह बेखौफ होकर तड़के तक किया जाता है। तत्संबंध में जानकारों का कहना है कि रेत का अवैध उत्खनन हनुमानगढ़ एवं खैरा क्षेत्र के साथ ही पहाड़ी, सोनवर्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। माफिया द्वारा सोन नदी तट से रेत का अवैध उत्खनन कराने के लिए ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रक का उपयोग किया जाता है।

Sidhi news: रेत के अवैध उत्खनन में सबसे ज्यादा उपयोग ट्रैक्टरों का ही हो रहा है। जिसके चलते माफिया द्वारा ठंड के दिनों में सबसेज्यादा रेत का अवैध उत्खनन किया जाता है। विडंबना यह है कि सोन घड़ियाल अभ्यारण्य द्वारा रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है। फिर भी संबंधित कर्मचारियोकी क्षेत्रीय रेत माफिया से सांठ-गांठ के कारण जिस इलाके से रात में रेत का अवैध उत्खनन किया जाता है वहां गस्त नहीं की जाती। इसी वजह से माफिया के वाहनों से धीरे-धीरे रेत का अवैधउत्खनन एवं परिवहन बड़ी मात्रा में शुरू हो गया है।

Sidhi news: बताया गया है कि माफिया के वाहनों से सोन नदी तट से जो रेत रात में निकाली जाती है उसे आसपास के सुरक्षित स्थानों में डंप कर दिया जाता है। बाद में इन स्थानों में बड़े वाहन आते हैं और यहां से रेत की लोडिंग करके अन्य जिलों के लिए निकल जाते हैं। बड़े वाहनों के पास पूर्वसे ही अन्य रेत खदानों की टीपी मौजूद रहती है। इस वजह से यहां से रेत का उठाव करने के बाद उनको जांच में भी कोई दिक्कत नहीं आती है। बड़े वाहनों से सोन नदीं के रेत का परिवहन उत्तर प्रदेश तक शुरू हो चुका है। रेत का काला कारोबार रात के अंधेरे में शुरू होने के बाद भी इसपर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हो रही है।

Sidhi news: गश्त करने के लिए नियुक्त हैं कर्मचारी प्रथम दृष्टया सोन नदी के तट से रेत का अवैध उत्खनन एव परिवहन रोकने की जिम्मेदारी सोन घड़ियाल अभ्यारण्य विभाग को होती है। इसके लिए विभाग द्वारा सोन नदी के तटों पर बड़ी संख्या में गस्त करने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी की गई है। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी सोन नदी तटों पर लगाई गई है उनके द्वारा वहां कैंप करके गस्त करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। जबकि विभाग के द्वारा गस्त में लगे कर्मचारियों को सोन नदी तटों पर ही टेंट लगाकर रुकने के निर्देश दिए गए है। गस्त में लगे अधिकांश कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी सांठ-गांठ क्षेत्रीय माफिया से काफी ज्यादा है। इसी वजह से उनके द्वारा शाम ढलने के बाद जिन क्षेत्रों से रेत का अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर होता है वहां रात में गस्त करने से दूरी बना ली जाती है। यह दीगर बात है कि गस्त में लग कर्मचारी जिस क्षेत्र से अवैध उत्खनन होता है उसके आसपास ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराए रहते हैं। जिससे बचाव में उन्हें सुविधा हो। बड़े अधिकारी भी गस्त में लगे कर्मचारियों की लोकेशन मौके पर जाकर जानने की जरूरत नहीं समझते।

Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
---Advertisement---

Leave a Comment