Sidhi news:जिले में अवैध माफियाओं का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है अब रेत माफिया सीधी जिले में स्थित सोन घड़ियाल अभ्यारण्य को भी अपने लालच के लिए नहीं छोड़ रहे हैं। सोन नदी में पाये जाने वाले घड़ियालों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए करोड़ों रूपये फूंक रहे है लेकिन ऊपरी कमाई के चक्कर में सीधी रेंज के विभागीय अधिकारियों द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है।
Sidhi news:सोन नदी में पाए जाने वाले क्रोकोडाइल की ऐसी प्रजाति है जो दुनिया से विलुप्त की कगार पर है जिसको संरक्षण देने के लिए सरकार प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लगाते हुए रेत माफिया रेत का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से कर रहे है जिसके कारण मगरमच्छ की प्रजातियां तहस-नहस हो रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सीधी जिले में सोन नदी के कुछ किलोमीटर के क्षेत्र में रेत का उत्खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंध है इसके बावजूद सोन घड़ियाल अभ्यारण क्षेत्र के रास्ते रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। जिससे विशेष प्रजाति के मगरमच्छ को खतरा उत्पन्न हो रहा है। बता दें कि जमोड़ी अन्तर्गत डेम्हा, भेलकी सहित गेरूआ, बमुरी सहित अन्य सोन नदी घाटों से रेत की निकासी जमकर की जा रही है लेकिन इस पर लगाम लगाने की दिशा में कोई प्रयास नही कियेजा रहे है।
Sidhi news:रेत माफिया व सोन घड़ियाल अमले की सांठ-गांठ से अर्धरात्रि में सोन नदी में उतर जाते है और बेरोंक- टोंक सुबह तक अवैध उत्खनन करते है। वहीं सूत्रों की माने तो जहां सोन घड़ियाल अमले की संलिप्तता नही रहती है वहां तत्काल दबिस कार्रवाई विभाग द्वारा की जाती है। सोन घड़ियाल अमले के सुस्त रवैये के कारण घड़ियालों का बजूद धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है बावजूद इसके किसी भी प्रकार की कड़ाई कर पाने में विभाग सफल नही हो रहा है।
सफेदपोसो के संरक्षण में हो रहा उत्खनन
Sidhi news:वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अवैध उत्खनन में सफेदपोसो की संलिप्तता बराबर बनी हुई है। रेत का यह काला कारोबार इन्ही की सरपरस्ती में जमकर फल-फूल रहा है जिसके कारण विभागीय अमला जान कर अनजान बना हुआ है। बताया गया कि यह कारोबार प्रतिदिन नही चलता है एक दिन चलने के बाद एक-दो दिन के लिए बंद रहता है। रेत के अवैध उत्खनन पर कार्रवाई न होना यह विभागीय अधिकारियों पर सवाल खड़ा कर रहा है।