Sidhi news: जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किया गया प्रतिवेदन-संचालनालय ने डेढ़ माह पूर्व मांगा था प्रतिवेदन
संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)
Sidhi news: जिले का शिक्षा विभाग अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। रमसा में लंबे समय से अपनी पैठ जमाये सुजीत मिश्रा के खिलाफ डेढ़ माह बाद जांच पूरी हो गई है और जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंच चुका है। लेकिन उक्त प्रतिवेदन को उच्च कार्यालय नही भेजा जा सका है।
Sidhi news: बता दें कि 30 अगस्त को अपर संचालक समग्र शिक्षा राजीव सिंह तोमर ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर उल्लेख किया है कि प्रतिनियुक्ती पर पदस्थ सुजीत कुमार मिश्रा सहायक परियोजना समन्वयक का मूल पद उच्च. माध्यमिक शिक्षक है जिनकी मूल पदस्थापना शासकीय उमावि खड्डी जिला सीधी है। शिकायतकर्ता डॉ नर्मदा प्रसाद सोनी से प्राप्त शिकायत अनुसार सुजीत कुमार मिश्रा प्रतिनियुक्ती पर 15 वर्ष से ज्यादा समय कार्यरत है तत्कालीन मुख्य कार्यपालनअधिकारी जिला पंचायत सीधी द्वारा 31 दिसंबर 2018 को निलंबित किया गया था, निलंबन की बहाली के पश्चात 8 माह तक शा.उ.मा.वि. खड्डी में पदस्थ रहे। लेकिन फिर से जुगाढ़ लगाकर 27 अगस्त 2019 को आगामी आदेश तक समग्र में सहायक परियोजना समन्वयक के पद पर कार्य करने की अनुमति प्राप्त कर ली गई। वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी में भी संलग्न रहकर 11 शाखाओं का कार्य कर रहे है।
Sidhi news: विभाग की छवि धूमिल करने में कोई कमी नही छोड़ रहे है और न ही भ्रष्टाचार की काली कमाई छोड़ रहे है। जिससे विभाग पर इस व्यक्ति के कारण प्रश्नचिन्ह लग रहा है एवं छवि भी खराब हो रही है। उपरोक्त प्रकरण के अनुक्रम में तत्काल प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करें ताकि अग्रिम कार्रवाई की जा सके।
डेढ़ माह से ज्यादा का लगा समय / उक्त पूरे मामले को लेकर डीईओ डॉ प्रेमलाल मिश्रा ने दोसदस्यी टीम का गठन किया था जिस पर टीम ने अपना प्रतिवेदन 14 सितंबर को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करा दिया गया है। सूत्रों की माने तो प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद भी अभी तक उच्च कार्यालय को प्रेषित नही किया गया है। प्रयास यह किया जा रहा है कि इस मामले को यही दफन करा दिया जाय।
2012 से बने थे एडीपीसी रमसा
Sidhi news: सुजीत मिश्रा कुचवाही हायर सेकण्ड्री में पदस्थ रहने के दौरान 2012 में प्रतिनियुक्ती कराकर रमसा में एडीपीसी बनकर आये थे। लेकिन 2018-19 में तेज तर्रार कलेक्टर अभिषेक सिंह की पैनी नजर से ये नही बच पाये और इनको निलंबित कर दिया गया और विभागीय जांच कराई गई जिस पर इनको निंदा की सजा दी गई और इनको खड्डी हायर सेकण्ड्री में पदस्थ कर दिया गया था। 6 माह यहां रहने के के बाद फिर से जुगाढ़ लगाकर रमसा में पहुंच गए और इनका जुगाढ़ यही नही रूका ये जिला पंचायत में पैठ जमा ली और 12 शाखाओं का प्रभार देखने लगे थे।
खड्डी में पदस्थापना के बाद खैरा से निकलता था वेतन
Sidhi news: 6 महीने मे खड्डी हायर सेकण्ड्री में पदस्थापना के दौरान सुजीत मिश्रा का वेतन खैरा संकुल से निकलता था जो अपने आप में एक बड़ी बात है और प्रशासनिक स्तर पर बड़ी चूक है। लेकिन कहते है न कि सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का यह सुजीत मिश्रा पर फिट बैठती है। आज भी उनका वेतन भुगतान खैरा संकुल से ही किया जा रहा हैं।