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Sidhi news:जंग ए कुर्सीः जिला चिकित्सालय बना अखाड़ा, आए दिन होता है विवाद

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:दो साल के अंदर तीन सिविल सर्जन हो चुके हैं पदस्थ

संवाददाता-: अविनय शुक्ला

Sidhi news:जिला चिकित्सालय में संविल सर्जन की कुर्सी को लेकर जंग की लड़ाई छिड़ी हुई है। जिस वजह से आए दिन विवाद की स्थितियां निर्मत हो रही हैं। हालात यह है कि दो साल के अंदर तीन सिविल सर्जन पदस्थ हो चुके हैं। जो भी सिविल सर्जन आते हैं उनके खिलाफ आरोप- प्रत्यारोप शुरू हो जाता है। वर्तमान में सिविल सर्जन के खिलाफ भी एक नया मामला सामने आया है। सिविल सर्जन रहे डॉ. सरकार बहादुर खरे को लेकर लंबी शिकायतें थीं उनके कार्यकाल में नियम विरुद्ध संविदा में नियुक्तियां कराने के अलावा अन्य मामलों में शिकायतों की वजह से उन्हें हटाया गया। उनके स्थान पर डॉ. दीपारानी इसरानी को सिविल सर्जन बनाया गया। लेकिन इसके बाद भी मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिविल सर्जन दीपारानी इसरानी के खिलाफ भी कुछ मामले की जानकारी मिली है। उनके द्वारा नसबंदी केमामले में कुछ शिकायत भेजी गई है। जबकि डॉक्टर सरकार बहादुर खरे को लेकर मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग द्वारा 30 अगस्त 2024 को आदेश जारी किया गया था कि सिविल सर्जन सह मुख्य के पद पर नियुक्त डॉ. सरकार बहादुर खरे की चयन को निरस्त किया जाकर उनके स्थान पर डॉ. दीपारानी इसरानी को सिविल सर्जन बनाया गया।

आपसी खींचातानी से परेशान कर्मचारी

Sidhi news:जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन की आपसी  लड़ाई को लेकर कर्मचारी भी परेशान हैं। उन्हें लगता ही कि हम किसकी सुनें और किसकी न सुनें। आज सिविल सर्जन कौन हैं कल कौन होंगे। यह भी विसंगतियां बनी हुई है। जिला चिकित्सालय में इसका फायदा भी कुछ जिम्मेदार लिपिक उठा रहे हैं जो कि फर्जीवाड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। खसकर स्टोर प्रभारी सहित कुछ अन्य लिपिक हैं जो कि डॉ. खरे के जमाने से ही फर्जीवाड़ा कर रहे थे। वह यही मान रहे हैं कि शायद फिर से डॉ. खरे की वापसी होगी। वहीं सिविल सर्जन डॉ. दीपारानी इसरानी भी डॉ. खरे के खिलाफ शिकायतों का जत्था विभागीय प्रमुख अमले को पहुंचा चुकी है।

डॉ. खरे का हुआ डिमोशन

Sidhi news:सिविल सर्जन रहे डॉ. एसबी खरे को मध्य प्रदेश शासन द्वारा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए डिमोशन कर दिया जबकि उनकी पदस्थापना सीधी से सिविल सर्जन के रूप में हटने के बाद उमरिया किया गया था लेकिन फिर उन्हें डिमोशन करते हुए सीधी में चिकित्सक बतौर नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं उनके द्वारा और कई कारनामों की शिकायतें आई हैं। अब देखना है कि इस मामले में क्या पहल होती है। जबकि कई मामलों में हाईकोर्ट तक मामला लंबित हैं।

 

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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