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Sidhi news:पर्यटन की ओर नही जा रही नेताओं की नजर

Abhinay Shukla

By Abhinay Shukla

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Sidhi news: जिले में पर्यटन उद्योग के विकास की असीम क्षमता है। लेकिन, सरकार और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते विकास अवरुद्ध है।

संवाददाता अविनय शुक्ला (7723041705)

Sidhi news: बात सीधी की हो रही है जो ऐतिहासिक महत्व व गौरवशाली इतिहास को समेटे है। मध्य प्रदेश के उत्तर पूर्व में प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बीरबल की जन्मस्थली और बाणभट्ट की तपोस्थली है जो सफेद शेरों की जनक रही है। लेकिन, यहां के पर्यटन उद्योग को सरकार और

जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश

Sidhi news: झेलना पड़ रहा है। जिले की पर्यटन संवर्धन की बैठक में चिह्नित हुए आधा दर्जन से अधिक पर्यटक स्थलों का आज तक विकास नहीं हुआ। यदि जिले के चिह्नित पर्यटन स्थलों का विकास किया जाए तो कई रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसके कारण जिले से रोजगार के लिए लोगों को औद्योगिक नगरों के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। बता दें कि पांच वर्ष पूर्व जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री हर्ष नारायणसिंह की अध्यक्षता में जिला पर्यटन संवर्धन परिषद की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें निर्णय लिया गया था कि जिले के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को चिह्नित कर सूचीकरण किया जाए तथा उसके उपरांत पर्यटन स्थलों का चहुमुखी विकास हो सके। सार्थक पहल नहीं होने से पर्यटन विकास को जो पंख लगना था नहीं लग सका।

चंदरेह शिव मंदिर व घोघरा देवी मंदिर / बैठक में विकास केलिए चिह्नित हुए पर्यटक स्थलों में बीरबल की जन्मस्थली घोघरा और बाणभट्ट की तपोस्थली चंदरेह, शिकारगंज, नौढिया कठ बंगला, जोगदहा सोन घाट, भंवरखोह, गोरियरा बांध, गोपालदास बांध शामिल किया गया था। इसके अलावा जिले में अन्य पर्यटन स्थल भी चिन्हाकिंत किए जाने के लिए प्रस्तावित थे। लेकिन, आज तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई।

प्रचार-प्रसार के अभाव में नहीं आते विदेशी पर्यटक

Sidhi news: पर्यटन स्थलों के विकास के अभाव में विदेशी पर्यटकों का यहां आना न के बराबर है। एक आंकड़े के अनुसार जिले में स्थित संजय टाइगर रिजर्व में बीते 5 वर्ष में जहां सिर्फ 27 विदेशी पर्यटक आए हैं। वहीं देशी पर्यटकों की संख्या तीन हजार से अधिक रही है। समीपी बांधवगढ़ नेशनल पार्क में देशी. विदेशी पर्यटकों की भरमार रहती है। यदि बांधवगढ़ आने वाले पर्यटकों को सीधी जिले के ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों की जानकारी दी जाए और उन्हें विकसित किया जाए तो सीधी जिले की सीमा से लगे मध्य प्रदेश के अमरकंटक, चित्रकूट, मैहर एवं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, बनारस आने वाले पर्यटकों को लाया जा सकता है।

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