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Sidhi news:खरीदी केंद्रों से नहीं हो रहा धान का परिवहन, परिवहनकर्ता निविदाकार की लापरवाही से भुगतान में देरी

Manoj Shukla

By Manoj Shukla

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Sidhi news:एक तरफ जहां सरकार के द्वारा किसानों से धान खरीदी के लिए उपार्जन केंद्र संचालित कर निर्धारित मापदंड तय किए गए हैं वहीं खरीदी केंद्रों से धान परिवहन के लिए निविदा जारी की गई है ताकि समय पर धान का भंडारण हो जाए और किसानों को उनके फसल का भुगतान समय पर प्राप्त हो सके। लेकिन सीधी जिले में इस वर्ष धान की बंपर पैदावार होने के कारण खरीदी केंद्रों में जहां अनुमानित आंकड़ा से काफी अधिक धान की आवक हुई ई है लेकिन परिवहन में देरी होने के कारण एक तरफ मौसम की मार से बारिश के कारण धान प्रभावित हो सकती है जिसका सीधा असर किसानों के भुगतान पर पड़ेगा क्योंकि विभागीय सूत्रों की माने तो जब तक खरीदी केंद्र से धान का परिवहन नहीं होगा तब तक उनका भुगतान संभव नहीं है ऐसे में यही माना जा सकता है कि परिवहनकर्ता निविदाकार की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है। इतना ही नहीं धान की आवक ज्यादा होने से और परिवहन ना होने से भंडारण में भी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं जब तक धान कापरिवहन नहीं हो जाता तब तक उसका भुगतान न तो किसानों को मिलेगा और ना ही खरीदी केंद्र को मिलेगा ऐसे में खरीदी केंद्र प्रभारियों के लिए धान खरीदना बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

Sidhi news:यह अलग बात है कि विभाग के कर्मचारी होने के नाते मुखर होकर सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन जिस अनुपात से खरीदी की गई है उस अनुपात से ना तो लेबरों का भुगतान मिला है और ना ही रख रखाव के लिए पर्याप्त बजट मिला है ऐसे में अपने निजी पैसे से व्यवस्था की जा रही है जहां लेबरों का दैनिक भुगतान बड़ी चुनौती माना जा रहा है। किसानों ने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर खरीदी केंद्रों से तत्काल धान परिवहन करने की मांग करते हुए लापरवाह निविदाकार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

यह है धान परिवहन की निविदा शर्त

Sidhi news:विभागीय सूत्रों के मुताबिक पूरे सीधी जिला के धान परिवहन की निविदा सूरज द्विवेदी के नाम से स्वीकृत की गई है जिसमें शर्त है कि खरीदी केंद्रों में धान स्ट्रेक लगाने यानी की (बोरे की तौलाई सिलाई के बाद छली लगाने) के 48 घंटे के अंदर परिवहन हो जाना चाहिए। अगर समय सीमा मे परिवहन नहीं किया जाता है तो निविदाकार के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए और निविदा निरस्त भी की जा सकती है। बावजूद इसके जिले के सभी खरीदी केंद्रों में 10 से 15 दिन पूर्व सेधान के स्ट्रेक लगे हुए हैं जहां खानापूर्ति के नाम से कभी कभार एक ट्रक परिवहन के लिए एक केंद्र में जाता है जबकि किसान भुगतान के लिए काफी परेशान है वहीं परिवहन में देरी होने के कारण खरीदी केंद्रों में दिनों दिन समस्या भी बढ़ती जा रही है।

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Manoj Shukla

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मै मनोज कुमार शुक्ला 9 सालों से लगातार पत्रकारिता मे सक्रिय हूं, समय पर और सटीक जानकारी उपलब्ध कराना ही मेरी पहली प्राथमिकता है।

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